बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों में चलेगा फ्लोटिंग हॉस्पिटल, नाव पर होगा मरीजों का इलाज
राज्य में मॉनसून के प्रवेश के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा संभावित बाढ़ की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. विभाग द्वारा राज्य की बाढ़ पीड़ित आबादी को इलाज उपलब्ध कराने के लिए नावों पर अस्पतालों की स्थापना करायी गयी है.
पटना. राज्य में मॉनसून के प्रवेश के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा संभावित बाढ़ की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. विभाग द्वारा राज्य की बाढ़ पीड़ित आबादी को इलाज उपलब्ध कराने के लिए नावों पर अस्पतालों की स्थापना करायी गयी है. सड़क संपर्क टूट जाने की स्थिति में नौका औषधालय बाढ़ से घिरे गांव और कस्बों में भ्रमण करेंगे. जो लोग भी बीमार होंगे उनका मुफ्त इलाज होगा और दवाएं दी जायेंगी.
बाढ़ पीड़ित जिलों के जिलाधिकारियों द्वारा अपने-अपने जिले में इस प्रकार की आबादी को चिह्नित कर लिया गया है. साथ ही नौका औषधालयों की भी तैयारी भी पूरी कर ली गयी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ पीड़ित जिलों को पहले ही निर्देश दिया गया था कि वह अपने जिले में नौका औषधालयों के लिए नाव और नाविक उपलब्ध करा दें.
साथ ही इसमें एक टीम तैयार कर लें. इस नौका औषधालय पर चिकित्सा पदाधिकारी, एएनएम, पारा मेडिकल स्टॉफ प्रतिनियुुक्त कर दिये गये हैं. साथ ही आवश्यक दवा और सामग्री की व्यवस्था संबंधित जिलाें के सिविल सर्जन द्वारा की गयी है. राज्य के औसतन करीब 27 जिले बाढ़ से ग्रस्त होते हैं.
इन जिलों के करीब 233 प्रखंड और साथ ही 2100 से अधिक ग्राम पंचायतें आंशिक या पूर्णत: बाढ़ से ग्रस्त होती हैं. बाढ़ के कारण करीब राज्य की डेढ़ करोड़ आबादी भी पीड़ित होती है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मई से ही संभावित बाढ़ के दौरान मरीजों के इलाज के लिए की तैयारी आरंभ कर दी थी. विभाग ने निर्देश दिया था कि बाढ़ के दौरान जलजमाव और बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में नवजात शिशुओं के लिए नियमित टीकाकरण बाधित नहीं हो.
साथ ही गर्भवती महिलाओं के पहचान का कार्य पूरा कर लिया गया है. ऐसी महिलाओं के प्रसव में किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए सभी जिलों में डिलिवरी किट और मैटरनिटी हट की व्यवस्था भी कर ली गयी है. यहां पर प्रसव कार्य संपन्न किया जायेगा.
Posted by Ashish Jha