पटना में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के बाद अब फ्लोटिंग लाइब्रेरी, गंगा के बीच होगी किताबों की बातें

गंगा किनारे, गंगा की बातें शीर्षक से एनबीटी (नेशनल बुक ट्रस्ट )-इंडिया यह खास पहल करने जा रही है. इसके लिए नेशनल बुक ट्रस्ट ने बिहार सरकार से बातचीत की है. दोनों पक्षों में इसको लेकर सहमति बन गयी है और दोनों पक्ष इस परियोजना को लेकर काफी उत्साहित भी हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 5, 2024 3:23 PM

राजदेव पांडेय ,पटना. गंगा की लहरों पर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के बाद अब पटना में फ्लोटिंग लाइब्रेरी का आनंद ले सकेंगे लोग. गंगा के बीच तैरती हुई नाव पर होगी किताबों की बातें. गंगा किनारे, गंगा की बातें शीर्षक से एनबीटी (नेशनल बुक ट्रस्ट )-इंडिया यह खास पहल करने जा रही है. इसके लिए नेशनल बुक ट्रस्ट ने बिहार सरकार से बातचीत की है. दोनों पक्षों में इसको लेकर सहमति बन गयी है और दोनों पक्ष इस परियोजना को लेकर काफी उत्साहित भी हैं.

पटना में फ्लोटिंग लाइब्रेरी की स्थापना

नेशनल बुक ट्रस्ट की इस परियोजना के संबंध में बताया जाता है कि स्वच्छ गंगा अभियान की तहत खास तरह की नाव में किताबों को पढ़ने के लिए रखा गया है, ताकि किताबों के सहारे गंगा की महत्ता और उसके पर्यावरण की बेहतरी के लिए जरूरी बातें नयी पीढ़ी जान सकें. मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की वर्ष 2022-23 की हाल में जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि एनबीटी-इंडिया ने पटना में फ्लोटिंग लाइब्रेरी की स्थापना करने जा रही है. पटना में इसकी सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. नये वर्ष में इसकी शुरुआत कर दी जायेगी.

फ्लोटिंग लाइब्रेरी की अभी केवल औपचारिक शुरूआत

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक फ्लोटिंग लाइब्रेरी की अभी केवल औपचारिक शुरूआत भर है. एनबीटी सूत्रों के मुताबिक इस तरह की लाइब्रेरी को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती साबित हो रही है. उसके स्ट्रक्चर को तकनीकी तौर पर डिजाइन किया जाना है. जानकारी के मुताबिक गंगा पुस्तक परिक्रमा इस साल भी जारी है. गंगा पुस्तक परिक्रमा के हालिया चरण में फ्लोटिंग लाइब्रेरी जल्दी ही पटना में फिर आयेगी. जानकारों के मुताबिक अभी वह बाराणसी के आसपास है. परिक्रमा के लिए एनबीटी इसके लिए रूट रिवाइज कर रहा है. उम्मीद जतायी जा रही है कि फ्लोटिग लाइब्रेरी री लांचिंग के साथ पटना में गंगा की जल तरंगों पर एक बार फिर दिखाई देगी.

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गंगा नदी किनारे विकसित साहित्यिक विरासत

दरअसल गंगा नदी किनारे विकसित साहित्यिक विरासत को समझने और जानने शुरू हुई यह परिक्रमा गंगा नदी किनारे बसे बीस शहरों से निकल रही है. इससे पहले 2022 में निकल चुकी है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह पुस्तक परिक्रमा अब फिर निकलने जा रही है. एनबीटी के दिल्ली कार्यालय में प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं. इस दिशा में उच्च स्तरीय मंथन चल रहा है. इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. अभी हमारा कैंपेन वाराणसी में है. जानकारी के मुताबिक एनबीटी इंडिया शिक्षा मंत्रायल, उच्च शिक्षा विभाग के अधीन एक स्वायत्त संगठन है.

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