बिहार में फिर बाढ़ ने मचायी तबाही, गंगा व घाघरा खतरे के निशान से ऊपर, कई गांवों तक पहुंचा पानी

Flood in Bihar: कार्यपालक अभियंता के अनुसार, अब यह अगले 24 घंटे में घाघरा के जलस्तर में और वृद्धि की आशंका है. इस दौरान गंगा और घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. सारण जिले के कई गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2022 3:29 PM

सारण में घाघरा और गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. गंगा जहां खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर गांधी घाट में बह रही है. वहीं घाघरा उच्चतम प्रवाह स्तर 58.01 मीटर से महज 22 सेंटीमीटर नीचे रह गयी है, जबकि खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर सिसवन में घाघरा बह रही है. दोनों नदियों के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर तथा 18 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी मापी गयी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सारण के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार के अनुसार गंगा गांधी घाट में खतरे के निशान 48.6 मीटर के बदले 48.70 मीटर ऊपर बह रही है.

गंगा और घाघरा नदी में तेजी से बढ़ रहा जलस्तर

घाघरा सिसवन में खतरे के निशान 57.04 मीटर के बदले 57.79 मीटर ऊपर बह रही है. जो एचएफएल 58.01 मीटर से महज 22 सेंटीमीटर नीचे है. गंडक के जल स्तर में लगातार कमी आंकी गयी है. 24 घंटे में 15 सेंटीमीटर घटकर 52.97 मीटर पर आ गया है. कार्यपालक अभियंता के अनुसार अब यह अगले 24 घंटे में घाघरा के जलस्तर में और वृद्धि की आशंका ऐसी स्थिति में तेजी से बढ़ रहे जल स्तर को ले 24 घंटे निगरानी की जा रही है. सारण जिले में तटबंध पूरी तरह सुरक्षित रहें.

बाढ़ नियंत्रण के पदाधिकारी भी परेशान

कार्यपालक अभियंता के अनुसार सामान्यत: 15 अक्तूबर तक बाढ़ की अंतिम स्थिति होती है. कार्तिक में गंडक और गंगा के जलस्तर में हो रही इस तेज वृद्धि के कारण जल संसाधन विभाग व बाढ़ नियंत्रण के पदाधिकारी भी परेशान है. इसे लेकर ही विशेषज्ञों की टीम ने सारण, सीवान में भ्रमण कर विभिन्न स्थितियों का मुआयना किया है. उधर घाघरा, गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से सारण के एकमा, मांझी, रिविलगंज, छपरा सदर, गड़खा, दिघवारा, सोनपुर आदि प्रखंडों के अलावे छपरा शहर के दक्षिण अवस्थित सैकड़ों मुहल्लों की हजारों की आबादी एक बार फिर बाढ़ की आशंका से परेशान है.

इन प्रखंडों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने के कारण रिविलगंज प्रखंड के दिलिया रहिमपुर, सदर प्रखंड के खलपुरा, डोरीगंज, रायपुर बिनगांवा आदि विभिन्न क्षेत्रों में लगातार नदी का पानी फैलने से किसानों के खेतों में लगी हुई धान आदि के फसलों को क्षति होने की आशंका से किसान परेशान है. वहीं किसानों को कहना है कि यदि नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आती है तो निचले क्षेत्रों में रबी की खेती समय पर कर पाना मुश्किल हो जायेगा.

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