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बिहार में बाढ़ राहत और बचाव के लिये “मिशन स्तर” पर काम जारी
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि बल असम और बिहार में बाढ़ राहत और बचाव के लिये “मिशन स्तर” पर काम कर रहा है, लेकिन यह काम लंबा चलेगा. एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने एक वीडियो संदेश में कहा कि संघीय आपदा बल के कुल 16 दल असम में और 20 दल बिहार में तैनात हैं. बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए प्रधान ने कहा, “बिहार में स्थिति कल थोड़ी ज्यादा गंभीर थी क्योंकि गंडक नदी में करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था और उत्तरी बिहार की अन्य नदियों में भी पानी आ रहा था.” उन्होंने कहा, हालांकि एनडीआरएफ द्वारा “मिशन स्तर” पर राहत व बचाव कार्य चलाया जा रहा है और जब तक जरूरत होगी यह अभियान चलाया जाएगा. बिहार सरकार द्वारा मंगलवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक राज्य के आठ जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि साढ़े तेरह हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
बूढ़ी गंडक समस्तीपुर में लाल निशान से ऊपर
पटना : बूढी गंडक समस्तीपुर में लाल निशान से ऊपर बह रही है, जबकि खगड़िया में खतरे के निशान से नीचे बह रही है. मौसम विभाग के अनुसार नदी में जलस्तर की बढोतरी दर्ज की जा रही है.
अवधारा और महानंदा का बढ़ रहा जलस्तर
पटना : नेपाल और उत्तर बिहार में हुई वर्षा के बाद अवधारा समूह की नदियों और महानंदा का जलस्तर बढ़ने लगा है. वैसे मौसम विभाग के अनुसार अवधारा सोनवर्षा में तो महानंदा किशनगंज में खतरे के निशान से नीचे है.
बागमति और कमला में ऊफान
पटना : बागमति और कमला बलान में ऊफान है. मौसम विभाग के अनुसार दोनों नदियां अधिकतर स्थानों पर लाल निशान से ऊपर बह रही है. इनके जलस्तर में भी बढोतरी दर्ज की जा रही है.
गंगा का जलस्तर स्थिर
पटना : मौसम विभाग के अनुसार राज्य में गंगा का जलस्तर स्थिर है. पटना समेत तमाम इलाकों में गंगा खतरे के निशान से नीचे बह रही है.
बढ़ रहा है नदियों का जलस्तर
बिहार में गंडक नदी के जलग्रहण वाले इलाक़े और पड़ोसी देश नेपाल में भारी बारिश के बाद कई नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बाढ़ से इस वक्त बिहार में 4 लाख से ज्यादा प्रभावित हैं.
पानी से घिरा धमारा घाट स्टेशन
सहरसा प्रतिनिधि के अनुसार पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखंड का धमारा घाट स्टेशन चारों तरफ से पानी से घिर गया है. जिससे स्टेशन तक पहुंचने का सहारा नाव बन चुका है.
दरभंगा के डीएम ने लिया हालात का जायजा
दरभंगा: DM ने सदर अंचल के लोमाम, बलहा एवं बिजली पंचायत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया. सदर अंचल में 12 स्थलों पर सामुदायिक रसोई चलाने, बाढ़ प्रभावित परिवारों को तत्काल पॉलीथिन शीट्स उपलब्ध कराने तथा पशुओं के लिए पशुचारा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
तिलावे नदी का बांध टूटा
मोतिहारी: मोतिहारी में तिलावे नदी के पानी के दबाब परका बांध टूटा. बांध फुलवार दक्षिणी पंचायत के चितहां गांव के पास टूटा है. इससे खेतों में बाढ़ का पानी फैल गया है. बंजरिया प्रखंड में है दक्षिणी फुलवार पंचायत.
ध्वस्त हुआ डायवर्सन
समस्खातीपुर के नपुर प्रखंड के फतेहपुर विक्रमपट्टी में मृत बागमती नदी में बना डायवर्जन पुल नदी की तेज धारा में बह गया. इससे यातायात बाधित है. स्थानीय नीरज कुमार चौधरी ने बताया कि इससे होकर हसनपुर, शादीपुर, खानपुर दक्षिणी पंचायत के लोग बाघोपुर बाजार, शिवाजीनगर व रोसड़ा जाते थे. डायवर्जन ध्वस्त होने से मुसाफिरों को कई किलोमीटर घूम कर सफर तय करना पड़ेगा.
खतरे के निशान से ऊपर नदियां
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा, पुनपुन, घाघरा व भुतही बलान नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. वहीं बागमती, कमला, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, महानंदा, ललबेकिया, अधवारा और खिरोई नदी खतरे के िनशान से ऊपर बह रही हैं.
11 जिलों में एनडीआरएफ की 16 टीमें तैनात
पटना : बाढ़ से निबटने के लिए 9वीं वाहिनी, एनडीआरएफ बिहटा, पटना की 16 टीमों को 11 जिलों में तैनात किया गया है. कमाडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मांग पर वहीं गोपालगंज में तीन, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण व सारण में दो-दो और कटिहार, अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर व मधुबनी एक-एक टीमें तैनात की गयी हैं. सभी टीमें अत्याधुनिक बाढ़ बचाव उपकरण, कटिंग टूल्स व उपकरण, संचार उपकरण, मेडिकल फर्स्ट रेस्पांडर किट, डीप डाइविंग सेट, इनफ्लैटेबल लाइटिंग टावर आदि से लैस हैं. टीमों में कुशल गोताखोर, तैराक और मेडिकल स्टाफ मौजूद हैं.
उत्तर बिहार में 48 घंटे तक होगी मध्यम से हल्की बारिश
उत्तर बिहार में 48 घंटे तक होगी मध्यम से हल्की बारिश से 48 घंटे तक मानसून सक्रिय रहेगा. इसके बाद बारिश में कमी आने की संभावना है. इस दौरान हल्की से लेकर मध्यम बारिश हो सकती है. मौसम विभाग की मानें तो अब भारी बारिश की संभावना कम ही है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा की ओर से मंगलवार को मौसम बुलेटिन जारी किया गया. इसमें 22 से 26 जुलाई तक के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया गया.
ठनका गिरने से 19 लोगों की मौत
पटना : बारिश के साथ ठनका गिरने से मंगलवार को 19 लोगों की मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार, बांका में सात, जमुई में तीन, नालंदा में चार, लखीसराय में एक, नवादा में एक, औरंगाबाद में एक, गया में दो की जान गयी है. हालांकि, आपदा विभाग ने चार जिलों में 10 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है.
पिछले साल से अधिक छोड़ा गया पानी
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार वाल्मीकि नगर बराज से गंडक नदी में पिछले साल अधिकतम पानी 18 सितंबर को 2.51 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था. वहीं, कोसी नदी में बराह से होकर पिछले साल 13 जुलाई को अधिकतम पानी 2.72 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था. इन दोनों स्थानों पर पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक पानी छोड़ा गया है, जबकि वीरपुर बराज से कोसी नदी में पिछले साल 13 जुलाई को अधिकतम पानी 3.71 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.
आठ जिलों के साढ़े तीन लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित
पटना : जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि विभाग के सभी इंजीनियरों को मुस्तैद किया गया है. पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सारण और वैशाली के जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है. उन्होंने बताया कि बूढ़ी गंडक, अधवारा समूह, कोसी और कमला बलान नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है. आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि प्रदेश के आठ जिलों के 190 पंचायतों की साढ़े तीन लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित हो गयी है.