Bihar Flood Update: बिहार में 15 नदियों ने खतरे के निशान को पार किया है. राजधानी पटना में हर घंटे गंगा के जलस्तर में डेढ़ सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हो रही है. समस्तीपुर में गंगा का जलस्तर लाल निशान के करीब पहुंच गया है. इस कारण जल संसाधन विभाग ने पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया है. तटबंधों की निगरानी के लिए कर्मियों की तैनाती की गई है. पंश्चिम चंपारण के बहेलिठा ठोकर पर नदी का झुकाव बढ़ रह है. भागलपुर के इस्माइलपुर से बिंदटोली के बीच लगातार गंगा के जलस्तर में वृद्धि से ध्वस्त हुए तटबंध के हिस्से में अभी भी दबाव बना हुआ है. हालांकि, जल संसाधन विभाग की ओर से यहां एनसी क्रेट कर तत्काल नदी के निचले भाग से ऊपर ले आया गया है.
गंगा नदी के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 30 सेंटीमीटर से अधिक की वृद्धि हुई है. रंगरा चौक प्रखंड के ज्ञानीदास टोला में पानी का काफी दबाव बना हुआ है. कैंप कर रहे अधीक्षण अभियंता रणवीर प्रसाद ने बताया कि हम लोग तटबंध को बचाने के कार्य में लगे हुए हैं. फिलहाल जो कार्य किये गये हैं ,वह नदी में रुकने लगा है. तटबंध पर निगरानी बने बनाये रखने के लिए 24 घंटा अनवरत अभियंताओं की टीम कार्य कर रही है. स्पर संख्या छह एन के नोज पर भी जो भी कार्य कराया गया है. वह स्टेबल है. धीरे-धीरे उसे निचले स्तर से ऊपर लाने का प्रयास किया जा रहा है. अगर टिक जायेगा, तो जिओ बैग एवं अन्य सामग्री डाल कर उसे मजबूत किया जायेगा.
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इधर, आपदा प्रबंधन ने जिलों को आदेश भेजा है. नदियों में ओवरलोड नाव के परिचालन पर सख्ती करने का निर्देश है. नदियों में चल रही ओवरलोड नाव पर सख्ती की जायेगी. आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेजा है कि नदियों में ओवरलोड नाव के परिचालन पर रोक लगाएं. हाल में संभावित बाढ़ को लेकर हुई क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया, ताकि ओवरलोडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके. इस निर्णय के बाद जिलों में भी नदियों के किनारे गश्ती बढ़ायी गयी है. वहीं, नदियों में चलने वाली नाव की कोडिंग करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि नाव की पहचान संभव हो सके.
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राज्य में नदियों का जलस्तर बढ़ा है, जिससे कुछ इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया हे. ऐसे में एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम को नदियों के किनारे गश्त बढ़ाने और नदियों में दूर जाकर नहाने वालों पर निगरानी करने की जिम्मेदारी दी. भागलपुर जिले में सोमवार को गंगानदी के जलस्तर में 12 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई. जलस्तर 32.04 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान 33.68 मीटर से 1.64 मीटर नीचे है. वहीं, नवगछिया अनुमंडल में बहने वाली कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला पुल के पास 21 सेंटीमीटर बढ़कर 29.85 मीटर तक पहुंच गया है. कोसी खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. गंगा व इसकी सहायक नदी प्रवाह क्षेत्र में बारिश हुई है. इस कारण पटना, मोकामा, मुंगेर तक गंगा नदी के जलस्तर में इजाफा हुआ है. अगले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में आंशिक बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं कोसी व सीमांचल क्षेत्र में बारिश अधिक होने से कोसी का जलस्तर और बढ़ सकता है.
मुजफ्फरपुर में प्रखंड में बागमती नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से छठे दिन भी प्रखंड के उत्तरी हिस्से की 14 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग रहा. वहीं बकुची, पतारी, अनदामा, माधोपुर, तेहवारा तेली टोला, गंगेया, नवादा सहित अन्य गांवों के दर्जनभर विद्यालयों, उच्च माध्यमिक विद्यालय गंगेया व जेबीएसडी काॅलेज बकुची में बाढ़ का पानी घुस जाने से पठन-पाठन बाधित रहा. नदामा जमींदारी बांध टूट गया़ इस कारण घरों में पानी घुसने से दर्जनों घरों के लोग सुरक्षित स्थान के लिए पलायन करने लगे. कटरा में जमींदारी बांध टूटने के बाद गायघाट प्रखंड के पूर्वी कटरा के सीमावर्ती क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा. नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण लोगों में दहशत का माहौल है.