बिहार: बारिश के बाद कोसी नदी में उफान, कटाव तेज, लोगों में दहशत का माहौल..
Flood Bihar: बारिश के बाद कोसी नदी में कटाव तेज हो गया है. नदी के जलस्तर में इजाफा हो रहा है. इस कारण लोगों में दहशत का माहौल है. ऐसे में कई लोग पलायन को मजबूर हो गए है.
Flood Bihar: बिहार में बारिश की गतिविधि बढ़ी है. वहीं, कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. नदी उफान पर है. सुपौल जिले के कोसी का भारी कहर देखने को मिल रहा है. यहां नदी के बढ़ने जलस्तर के कारण लोगों में दहशत का माहौल है. कटाव की रप्तार तेज है. इस कारण लोगों के लिए जान बचाने की मुश्किल खड़ी हो चुकी है. मंगलवार को कोसी नदी में नाव डूब गई. इसमें सवार दो लोग तैरकर बाहर निकल गए. लेकिन, डूबी हुई नाव का कोई पता नहीं चल सका है.
गंगा नदी के जलस्तर में कमी
भागलपुर जिले में मंगलवार को गंगा नदी के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की आंशिक कमी आयी है. शहर के सभी गंगा घाटों पर पानी का दबाव कम हुआ है. जल संसाधन विभाग पटना द्वारा जारी सूचना के अनुसार 21 अगस्त को दोपहर दो बजे भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर घटकर 32.46 मीटर पर पहुंच गया. जलस्तर अपने खतरे के निशान 33.68 मीटर से फिलहाल 1.22 मीटर दूर हो गया है. भागलपुर के अलावा मुंगेर, मोकामा, पटना, बक्सर, वाराणसी व प्रयागराज तक पानी कम हो रहा है.
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भीषण कटाव से लोगों में भय का माहौल
15 करोड़ रुपये की लागत से कराए गए कटावरोधी कार्य भी भगालपुर के ज्ञानीदास टोला को बचाने में सक्षम नहीं है. गंगा के जलस्तर में लगातार कमी के वाबजूद रंगरा प्रखंड के तीनटंगा दियारा के ज्ञानी दास टोला में लगभग 300 मीटर के दायरे में भीषण कटाव शुरू हो गया है. इससे निचले तटवर्ती इलाके के लोगों के बीच दहशत है. पिछले तीन चार दिनों से धीरे धीरे हो रहे कटाव के बाद रविवार देर रात्रि से कटाव की गति बढ़ गयी है.
हजारों की आबादी पर कटाव का खतरा
पिछले एक माह से जारी कटाव के कारण अबतक खेती योग्य लगभग 50 बीघा जमीन गंगा में समा चुकी है. लगभग 50 घर कटाव के मुहाने पर हैं. कटाव को देखते हुए बड़ी संख्या में तटवर्ती इलाके के लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं. अब तक तीनटंगा दियारा दक्षिणी पंचायत के ज्ञानी दास टोला, झल्लू दास टोला, कुतरूदास टोला, उसरैहिया, सिमरिया आदि लगभग आधे दर्जन गांवों की हजारों की आबादी पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है. लोग सहमे हुए हैं.
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खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हुए लोग
बताते चलें कि ज्ञानी दास टोला में इस वर्ष जल संसाधन विभाग द्वारा 600 मीटर में 15 करोड़ की लागत से बोल्डर पीचिंग का कार्य कराया गया था. मगर जल संसाधन विभाग द्वारा कराया गया कटाव निरोधी कार्य ताश के पत्ते की तरह ढहने लगा है. यही कारण है कि कटाव निरोधी कार्य कटाव को रोकने में विफल साबित हो रहा है. बोल्डर पीचिंग की दोनों ओर डाउन स्ट्रीम में लगभग 300 मीटर के दायरे में भीषण कटाव शुरू हो गया है. हालांकि, कटाव शुरू होते ही कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा कटाव निरोधी कार्य शुरू कर दिया गया है. कटाव को रोकने के लिए बंबू रौल एवं जिओ बैग कटाव स्थल पर गिराया जा रहा है. बारिश और धूप से ज्ञानी दास टोला के कटाव पीड़ितों की हालत दयनीय हो गई है. कटाव पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे धूप और वर्षा में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं. कई लोग भूखे प्यासे पन्नी टांग कर अपने परिवार के साथ जीवन बिता रहे हैं. इनका कहना है कि कोई इन्हें देखने-सुनने वाला नहीं है.
वाल्मीकिनगर और बीरपुर बराज पर गंडक और कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इससे वहां दवाब शुरु हो चुका है. बराज के फाटक को खोल दिया गया है. नेपाल में भारी बारिश हो रही है. कंट्रोल रुम को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है. अधिकारी अलर्ट मोड पर है. तटबंधों पर दवाब बढ़ा है. इसी कारण नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. संवेदनशील स्थानों की लगातार पैट्रोलिंग की जा रही है. इधर, बगहा में गंडक के जलस्तर में कमी के बाद कटाव तेज हो गया है. इस कारण किसान के साथ ही आसपास के लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है. कटाव के कारण आशंका जताई जा रही है कि जलस्तर बढ़ने से पानी जल्द ही गांव तक पहुंच जाएगा.
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