बिहार: बारिश की गतिविधि बढ़ने से गंगा नदी का बढ़ा जलस्तर, कई जिलों में बाढ़ का खतरा, लोगों में दहशत

‍‍Bihar News: बारिश की गतिविधि बढ़ने से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. कई जिलों में लोगों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है. भागलपुर समेत बिहार के अन्य हिस्सों में दो दिनों से जारी बारिश के कारण गंगा व कोसी समेत अन्य नदियों में उफान शुरु हो गया है.

By Sakshi Shiva | August 8, 2023 9:49 AM

Bihar News: बारिश की गतिविधि बढ़ने से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. गंगा नदी का एक और कोसी नदी का जलस्तर तीन सेंटीमीटर बढ़ गया है. भागलपुर समेत बिहार के अन्य हिस्सों में दो दिनों से जारी बारिश के कारण गंगा व कोसी समेत अन्य नदियों में उफान फिर से शुरू हो गया है. जलसंसाधन विभाग पटना द्वारा सोमवार दोपहर दो बजे जारी फॉरकास्ट के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर व कोसी नदी का जलस्तर तीन सेंटीमीटर बढ़ा है, जबकि बीते तीन-चार दिनों से जिले की दोनों महत्वपूर्ण नदियों का जलस्तर कम हो रहा था. इधर, शहर के गंगा तटों पर पानी का दबाव बना हुआ है. गंगा नदी खतरे के निशान 33.68 मीटर से 2.45 मीटर दूर है. भागलपुर में नदी का जलस्तर शुक्रवार को 31.23 मीटर रहा. गंगा नदी का जलस्तर प्रयागराज, वाराणसी, बक्सर, पटना व मुंगेर से लेकर भागलपुर तक बढ़ रहा है. इधर, नवगछिया अनुमंडल में कोसी नदी का जलस्तर भी तीन सेंटीमीटर बढ़कर 28.77 मीटर तक पहुंच गया. कुरसेला में कोसी नदी खतरे के निशान 30 मीटर से फिलहाल 1.23 मीटर दूर है.

गंगा में समा रही तटीय किसानों की जमीन

गंगा दियारा में कटाव से तटीय किसानों की जमीन गंगा में समा रही है, जिससे किसानों में मायूसी है. खेती किसानी से जीवन-यापन करने वाले किसानों में दहशत का माहौल है. चहौद्दी दियारा के किसान ने बताया कि उनकी जमीन हरिहरपुर (अमरी ) में गंगा कटाव में कट गयी. बताया जाता है कि करीब सौ किसानों की जमीन कट चुकी है. बाकी जमीन कटाव की जद में है. ग्रामीणों ने कहा कि कटाव से लोग अपना घर मुख्यधारा से हटा कर लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर बनाया है. दूसरे किसान बताते है कि हमारी 10 बीघा पैतृक जमीन गंगा में समा गयी है. शेष बची जमीन व पशुपालन से जीवन यापन हो रहा है. दुधैला मौजा के कृषक की पांच बीघा खेती योग्य जमीन जिसमें मक्का, गेहूं ,परवल आदि की अच्छी पैदावार होती थी कटाव के भेंट चढ़ गया.

Also Read: बिहार: BSEB का नया आदेश, सरकारी स्कूलों में 75 % उपस्थिति अनिवार्य, अभिभावकों को देना होना शपथपत्र
कई बीघा जमीन गंगा कटाव से प्रभावित

ग्रामीणों की कई बीघा जमीन गंगा कटाव से प्रभावित है. अन्य तटीय किसानो का भी यही हाल है. बैकंठपुर दुधैला पंचायत के वार्ड छह स्थित मध्य विद्यालय चहौद्दी दियारा कटाव के मुहाने पर आ गया है. इस विद्यालय को दियारा में रह रहे बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से डीपीइपी-3 कार्यक्रम के तहत वर्ष 2000 में स्थापित किया गया है, जो अब गंगा की कटाव का दंश झेल रहा है. इस विद्यालय में छह कमरा व एक कार्यालय है. एक शिक्षक वीरेंद्र कुमार मंडल व एक शिक्षिका अंजू मिश्रा 84 लड़की व 98 लड़कों को पढ़ाते हैं.

ग्रामीण बताते हैं कि इस पंचायत के दो विद्यालय पहले भी गंगा की कटाव में कट चुके हैं. मध्य विद्यालय बैकंठपुर दियारा व मध्य विद्यालय दुधैला-2 क्रमश: 2016 व 2017 में कट चुका है. प्रधानाध्यापक वीरेंद्र कुमार मंडल ने बताया कि विद्यालय से संबंधित कटाव की जानकारी सभी वरीय पदाधिकारी को दी गयी है. वार्ड सदस्य हजारी मंडल ने बताया कि गंगा कटाव से विद्यालय की दूरी महज 12 फीट रह गयी है. विद्यालय कभी भी गंगा में समा सकता है.


Also Read: बिहार और पटना म्यूजियम को जोड़ा जाएगा 1.5 किमी लंबे अंडरग्राउंड टनल से, 500 करोड़ रुपये होंगे खर्च
सुखाड़ से चिंतित किसानों की जगी उम्मीद

बारिश होने से एक तरफ जहां नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर प्रखंड क्षेत्र में अब तक सुखाड़ से चिंतित किसानों के चेहरे पर पिछले दो दिनों से हो रही हल्की बारिश से उम्मीद जगी है. किसानों ने बताया कि सुखाड़ के कारण अब तक रोपनी नहीं हो सकी है. जिसके कारण आर्थिक स्थिति डगमगा सकती है. नयागांव पंचायत में अभी तक कई किसान धान की रोपनी नहीं कर सके हैं. कई किसान बोरिंग से रोपनी करने के लिए प्रयत्नशील हैं. बिजली कनेक्शन नहीं मिलने से पटवन का कार्य नहीं हो पा रहा है. किसानों की बारिश से कुछ उम्मीद जगी है. यदि बारिश लगातार हो तो किसानों का रोपनी कार्य प्रारंभ होगा.

Also Read: बिहार : बच्चों को क्लास रूम में बंद कर मोबाइल चार्ज करने चले गए मास्टर साहब, पुलिस पहुंची तो बाहर निकाला

मालूम हो कि किसानों को मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत किसानों को नलकूप लगाने पर अनुदान मिलेगा. विधायक प्रो ललित नारायण मंडल ने बताया कि असिंचित क्षेत्रों में इस योजना को लागू किया गया है. सिंचाई की जहां कोई व्यवस्था नहीं है. वहां के किसानों को निजी नलकूप लगाने के लिए किसानों को बोरिंग, मोटर पंप सेट के लिए अनुदान दिया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version