Bihar Flood Update: बिहार में आठ बड़ी नदियों ने खतरे के निशान को पार कर लिया है. इसके बाद बाढ़ का खतरा बढ़ चुका है. वहीं, इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चिंतित है. उन्होंने सड़क मार्ग से पटना के आसपास गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया. मुख्यमंत्री अटल पथ होते हुए जेपी सेतु पहुंचे और गंगा नदी का मुआयना लिया. मुख्यमंत्री ने भ्रमण के दौरान गंगा नदी के आसपास के इलाकों की स्थिति को देखा और यहां के स्थिति की जानकारी ली. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गंगा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जल स्तर को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह अलर्ट रहें और सारी तैयारी पूरी रखें.
मुख्यमंत्री के भ्रमण के दौरान संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार, सीएम के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, डीएम चंद्रशेखर सिंह आदि मौजूद थे. गंगा के जलस्तर में वृद्धि से कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मनेर के इस्लामगंज गांव का आवागमन बाधित हो चुका है. इस कारण ग्रामीण परेशान है. लोग पानी में घुसकर सफर तय करने को मजबूर है.
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राज्य में मानसून ने अब रफ्तार पकड़ ली है. लगातार हो रही बारिश के कारण पिछले चार दिनों से गंगा नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी हो रही है. गंगा किनारे घाट की सीढ़ियों तक पानी पहुंच चुका है. गांधी घाट पर तो जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया. दीघा में जनार्दन घाट, पाटी पुल के नीचे तक पानी पहुंच कर रास्ते में प्रवेश कर गया है. इससे आवाजाही बाधित हो गयी है. लोग पानी में घुस कर आ-जा रहे हैं. गंगा नदी का पानी बीएन कॉलेज के घाट की सीढ़ियों तक पहुंच गया है. गंगा किनारे बने रिवर फ्रंट के रास्ते पर पानी होने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. इधर, केंद्रीय जल आयोग की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार बागमती, कमलाबलान और कोसी नदियों का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच चुका है. राज्य की शेष नदियों गंगा, घाघरा और सोन सहित अन्य नदियों का जल स्तर खतरे के निशान के नीचे है.
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खतरे के लेवल से दीघा घाट पर गंगा 1.08 मीटर नीचे है. गांधी घाट पर जल स्तर 48.33 मीटर पहुंचा है. उत्तर बिहार के निचले इलाकों में पानी फैल चुका है. कई नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी है. कोसी नदी का पानी भी निचले स्तर पर फैला है. इस कारण सड़के धंसी है. बारिश के बढ़ने के बाद नदियों का जहां जलस्तर बढ़ रहा है, वहीं दानापुर में बारिश के बाद सड़कें झील बन गई. नगर में रुक-रुक कर हो रही बारिश से नगर परिषद व छावनी परिषद प्रशासन के नाला उड़ाही की पोल खुल गयी. बारिश के कारण सड़कें झील में तब्दील हो गयी और सड़कों पर जल जमाव से पूरा नगर नरक बना रहा. नगर बीबीगंज, चित्रकूट नगर, पंचशील नगर, गोसाई टोला रोड, खरजां रोड, बाला जी नगर, ऊर्जा नगर, अर्पणा बैंक कॉलोनी समेत आदि इलाकों में जल जमाव का दृश्य बना हुआ है. साथ ही गोला रोड झखड़ी महादेव मंदिर परिसर में पानी घुसा गया है. जबकि मोटर पंप से जल निकासी की जा रही है. यही हाल छावनी क्षेत्र के पीपा पुल मार्ग, बस पडाव, सब्जी मंडी समेत आदि इलाकों में जल जमाव व कीचड़ से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जगन्नाथ यादव ने बताया कि कई जगहों पर जल जमाव लगा हुआ है. जिससे मोटरपंप से जल निकासी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.
राजधानी के खेतान मार्केट और राजेंद्रनगर रोड नंबर दो और तीन जैसे कुछ बेहद निचले लैंडस्केप में देर रात तक आधा से एक फुट तक पानी लगा था. लेकिन, नगर निगम कर्मियों का उसे निकालने का प्रयास भी जारी दिखा. गांधी मैदान के जेपी गोलंबर के सामने बारिश के दौरान लगभग एक फुट तक पानी दिखा. आयकर गोलंबर के पास होटल पाटलिपुत्रा के पीछे से हाइकोर्ट की ओर जाने वाली सड़क पर भी एक से डेढ़ फुट तक पानी दिखा. विधानसभा के सामने शहीद स्मारक गोलंबर पर भी सुबह में एक से डेढ़ फुट तक पानी जमा था. अशोक राजपथ में फ्लाइओवर के निर्माण के कारण सड़क टूटी-फूटी होने और उसमें बारिश का जल भरने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई. कंकड़बाग के भी कई मोहल्लों में जलजमाव दिखा.
खेतान मार्केट और राजेंद्रनगर के रोड नंबर दो और तीन में तो बारिश के दौरान ढ़ाई-तीन फुट तक पानी दिखा, लेकिन शाम छह बजे के बाद वहां का पानी भी तेजी से निकलने लगा और देर रात तक वहां पानी का लेवल एक फुट से भी नीचे आ चुका था. रामकृष्णा नगर, जगनपुरा जैसे निचले इलाकों में भी कई जगह दो से तीन फुट तक जलजमाव हुआ. लेकिन बारिश खत्म होने के बाद वहां भी बहुत हद तक पानी निकल गया.
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बारिश के दौरान कई जगह नगर निगम कर्मी पानी निकालने का प्रयास करते दिखे . इस दौरान विभिन्न वार्डों में नगर निगम की क्यूआरटी मैनहोल का ढक्कन खोलते और कैचपिट को जगाती दिखी. साथ ही निचले इलाकों से सुपर सकर मशीन लगाकर और टयूबवेल की मदद से भी पानी बाहर फेंकने का प्रयास किया जाता रहा. साथ ही ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन को उनकी पूरी क्षमता से चलाया गया और उनमें पानी के इनफ्लो और आउटफ्लो की भी लगातार निगरानी की गयी. यही वजह रही कि बारिश के दौरान जैसे पानी आया, रुकने पर उसी तेजी से निकलता भी दिखा और देर रात तक शहर के अधिकतर क्षेत्राें में स्थिति बहुत हद तक ठीक हो चुकी थी. लेकिन, नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है. इसे लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है.