बिहार: भागलपुर में कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी, नदी की भेंट चढ़ा करोड़ों का कटाव निरोधी कार्य, लोगों में दहशत..

Flood ‍Bihar: भागलपुर में कोसी ने भयानक रुप ले लिया है. करोड़ों का कटाव निरोधी कार्य नदी के कटाव की भेंट चढ़ गया है. इस कारण लोगों में दहशत है. बता दें कि बारिश के बाद राज्य में नदियों ने विकराल रुप ले लिया है.

By Sakshi Shiva | August 24, 2023 4:10 PM
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Flood ‍Bihar: भागलपुर में बीते साल गंगा और कोसी में भीषण कटाव हुआ था. इसके बाद सरकार की ओर से कटाव निरोधी कार्य किया गया था. इसमें करोड़ों रुपए खर्च किएगए. लेकिन, यह कार्य गंगा नदी की भेंट चढ़ गया है. जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत तिनटंगा के ज्ञानदास टोला में गंगा नदी के किनारे कटाव निरोधी कार्य किया गया था. बोल्टर पत्थर डालकर यहां कटाव निरोधी कार्य हुआ था. लेकिन, यह 21 किलोमीटर के दायरे में हटकर गंगा में समा गया. इस वजह से कई जगहों से धसान हो गया. वहीं, अब ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. भागलपुर में कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

ग्रामीणों ने कटाव को रोकने की मांग की

भागलपुर के पीरपैंती रानीदियारा पंचायत के टपुआ गांव में गंगा का भीषण कटाव शुरू हो गया है. पिछले दो दिनों से गांव के अप स्ट्रीम में कटाव निरोधी कार्य कराने का दावा विभाग द्वारा किया जा रहा था. अब यहीं कटाव हो रहा है. ग्रामीणों ने विभाग से कटाव को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक के साथ एहतियाती उपाय करवाने की मांग की है.

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भागलपुर के नवगछिया के रंगरा चौक प्रखंड के तीनटंगा दियारा ज्ञानीदास टोला में ताश के पत्तो की तरह ढह गया. 15 करोड़ का कटावरोधी कार्य नदी के भेंट चढ़ गया . कटाव से बचाव के लिए करोड़ों की लागत से की गई बोल्डर पिचिंग गंगा में समा गया. नवगछिया में बीते वर्ष गंगा व कोसी नदी में हुए भीषण कटाव के बाद बिहार सरकार ने कटावरोधी कार्य के लिए करोड़ों रुपये दिये थे, जिस राशि से बोल्डर पिचिंग की गयी थी.

कटावरोधी कार्य में जुटे अधिकारी

जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत तीनटंगा के ज्ञानीदास टोला में गंगा किनारे 15 करोड़ की लागत से यह काम करवाया गया था. बीती रात करीब 21 मीटर के दायरे में बोल्डर कटकर गंगा में समा गया. वहीं, कई जगह धंसान हो गया है जिससे ग्रामीण सहमे हैं. पिछले वर्ष भी गंगा ने इस गांव में कहर बरपाया था. सैकड़ों घर कटकर गंगा में समाहित हो गए थे. वहीं इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर पुनः फ्लड फाइटिंग का कार्य तेजी से कराया जा रहा है. जल संसाधन विभाग के एसडीओ, अधीक्षण अभियंता समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचकर कटावरोधी कार्य करा रहे हैं. बालू भरी बोरियां कटाव क्षेत्र में डाली जा रही है. ताकि गांव का अस्तित्व बचाया जा सके.

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ग्रामीण बताते है कि बोल्डर पिचिंग एक बजे रात में गिरा है. यह लगभग 21 मीटर गिरा है. यदि तत्काल ठोस बचाव कार्य नहीं किया जाता है, तो गांव गंगा में समा सकता है. हालांकि, विभाग की ओर से फिलहाल बचाव का काम करवाया जा रहा है. इस गांव के लगभग 400 घर पहले ही गंगा में समा चुके है. ग्रामीण कहते हैं कि अभी जिओ बैग लगाकर बचाव कार्य करवाया जा रहा है, जो पर्याप्त नहीं है. गांव के सभी लोग डरे हुए हैं, उन्हें डर है कि गंगा कहीं उन्हें बेघर न कर दे. इधर, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता रणवीर प्रसाद का कहना है कि बोल्डर पिचिंग बैठ गया है. रीस्टोर करने में जुटे हैं. 21 मीटर का स्लोप बैठा है.

बाढ़ से संबंधित शिकायत पर हो रही कार्रवाई

राज्य में सिंचाई और बाढ़ से संबंधित जल संसाधन विभाग के कॉल सेंटर के टॉल फ्री नंबर 1800 3456 145 पर इस वर्ष अब तक कुल 815 कॉल से जरूरी सूचनाएं मिलीं. उन पर संबंधित जिले के अभियंताओं के माध्यम से उचित कार्रवाई कराई जा चुकी है. कुछ शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है. सोशल मीडिया के उपयोग में राज्य के अग्रणी विभागों की श्रेणी में जल संसाधन विभाग शामिल है. सोशल मीडिया के जरिये तटबंधों में कटाव, रिसाव, क्षरण, नुकसान पहुंचाने से जुड़ी जरूरी सूचना ट्विटर पर विशेष हैशटैग हेलोडब्ल्यूआरडी के साथ प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही विभागीय हैंडल से जल संसाधन विभाग के योजनाओं में बारे में जानकारी, बाढ़ अवधि में प्रमुख नदियों के जलस्तर का अपडेट, ज्यादा बारिश होने पर नदी किनारे बसे लोगों के लिए अलर्ट जारी हो रहा है.

विभाग के मुख्यालय सिंचाई भवन में वर्ष 2020 में शुरू हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन और मंत्री संजय कुमार झा के नेतृत्व में बाढ़ से सुरक्षा, सिंचाई सुविधाओं में विस्तार, जल के समेकित व बेहतर प्रबंधन के लिए कई नई तकनीकों का सफल प्रयोग हुआ है. गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग के फेसबुक पर 17 हजार तथा ट्विटर पर 45 हजार से अधिक फॉलोवर्स हैं. उनके माध्यम से हर महीने तीन लाख से ज्यादा लोगों तक विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी पहुंचती है.

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