Bihar Flood Update: बिहार में नेपाल की बारिश के बाद लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हर साल की तरह इस साल भी नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिली है. कोसी नदी ने तो कई साल का रिकार्ड तोड़ दिया है. वहीं, इधर मोकामा के हाथीदह में गंगा के जलस्तर में कमी आई है. लेकिन, जलस्तर वार्निंग लेबल से ऊपर है. शुक्रवार की शाम 41.33 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया. यह एक सप्ताह पहले डेंजर लेबल 41.76 पार कर गया था. गंगा के उफान में कमी आने से दियारा के लोगों ने राहत की सांस ली है. केंद्रीय जल आयोग के कर्मियों का कहना है कि गंगा का जलस्तर घट और बढ़ रहा है.
गंगा नदी का जलस्तर शुक्रवार की सुबह जलस्तर 41.23 था. लेकिन, शाम में वृद्धि रिकॉर्ड की गई. जिसको लेकर प्रशासन की नजर बनी है. नदियों के हालात को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. वहीं, भागलपुर में गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही तौफिल दियारा में कटाव शुरू हो गया है. कहलगांव में गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही प्रखंड के बिरबन्ना पंचायत के तौफिल और अंठावन गांव में गुरुवार से कटाव शुरू हो गया है. शुक्रवार को भी दिन भर कटाव जारी रहा. कटाव से तौफिल गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. तौफिल गांव से सटे उत्तर दिशा की ओर हो रही तेज कटाव से गांव के लोग सहमे हैं. ग्रामीणों को विस्थापित होने का भय सताने लगा है.
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वहीं, पश्चिम दिशा तौफिल और अंठावन गांव के बीच में भी कटाव जारी है. दोनों गांवों के बीच की कृषि योग्य भूमि कटाव की भेंट चढ़ रही है. इस मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी के घटने के साथ ही कटाव शुरू हो गया है. शुक्रवार को गंगा का जलस्तर कहलगांव में खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा था. गंगा घाटों पर पानी का तेज प्रवाह के कारण दबाव बना हुआ है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार की सुबह गंगा का जलस्तर 31.19 मीटर पर था, जो लाल निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर है.
भागलपुर जिले में गुरुवार को गंगानदी के जलस्तर में छह सेंटीमीटर की आंशिक कमी आयी है. शहर के सभी गंगाघाटों पर पानी का तेज प्रवाह के कारण दबाव बना हुआ है. जल संसाधन विभाग पटना द्वारा जारी सूचना के अनुसार 18 अगस्त को दोपहर दो बजे भागलपुर में गंगानदी का जलस्तर घटकर 32.88 मीटर पर पहुंच गया. जलस्तर अपने खतरे के निशान 33.68 मीटर से फिलहाल 80 सेंटीमीटर दूर हो गया है. भागलपुर के अलावा मुंगेर, मोकामा, पटना, बक्सर, वाराणसी व प्रयागराज तक पानी कम हो रहा है. इधर, जिले के नवगछिया अनुमंडल होकर बहने वाली कोसी नदी के जलस्तर में आंशिक कमी हुई है. नवगछिया सीमा पर स्थित कुरसेला घाट पर कोसी नदी का जलस्तर तीन सेंटीमीटर कम होकर 30.25 मीटर तक पहुंच गया है. इस समय कोसी नदी खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर ऊपर है.
बता दें कि एक तरफ जहां नदियों के जलस्तर के बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वहीं, किसानों को धान रोपनी में पानी के बढ़ने से काफी मदद मिली. भागलपुर में धान की रोपनी 80 प्रतिशत तक पूरी हो गई है. राज्य में बाढ़ को लेकर निगरानी को बढ़ाया दिया गया है. नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण 24 घंटे निरीक्षण किया जा रहा है. सुपौल जिले में 120 गांव, सहरसा में छह और कटिहार जिले में 12 गांव बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे है. गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर में वाल्मिकीनगर बराज से 3.15 हजार क्युसेक पानी छोड़ा गया. इसके कारण बैकुंपुर में 15 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है. गंगा, कोसी के अलावा गंडक नदी ने भी विकराल रुप ले लिया है. इस कारण कई गांवों का सड़क से संपर्क टूट गया है. लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है. लोगों को सामान खरीदने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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