बिहार: नेपाल में बारिश से नदियों में उफान, 24 घंटे में छह नदियों ने खतरे के निशान को किया पार, लोगों में दहशत

Flood Update: बिहार में नदियां उफान पर है. पिछले 24 घंटे में छह नदियों ने खतरे के निशान को पार कर दिया है. इस कारण लोगों में दहशत का माहौल है. लोगों पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

By Sakshi Shiva | August 26, 2023 12:08 PM
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Flood Update: बिहार में नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. नेपाल में हो रही बारिश का असर बिहार में हो रहा है. 24 घंटे में छह नदियों ने यहां खतरे के निशान को पार कर दिया है. मुजफ्फरपुर के औराई में नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में वर्षा होने से बागमती के नदी के जलस्तर में करीब चार फुट की वृद्धि दर्ज की गयी है. बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब 135 सेंटीमीटर की वृद्धि आंकी गयी. वहीं बाढ़ का पानी विस्थापित गांव के बभनगामा पश्चिम, हरनी टोला, महुआरा, मधुबन प्रताप, बारा खुर्द, बारा बुजुर्ग, चैनपुर समेत एक दर्जन स्थापित गांव में प्रवेश कर गया है. नदी के जलस्तर वृद्धि से विस्थापित गांव के लोगों के आगमन का एक मुख्य साधन नाव बचा है. ग्रामीण बताते है कि गांव के निचले इलाकों में पानी प्रवेश कर गया है.

नदी के बढ़ते जलस्तर से लोगों में दहशत

जलस्तर बढ़ने के कारण नाव से आवागमन हो रहा है. इस क्रम में गांव के ही एक व्यक्ति नाव से गिर कर जख्मी हो गये. उनका इलाज सीएचसी में चल रहा है. सबसे ज्यादा समस्या मवेशियों के चारे की बनी हुई है. नदी के जलस्तर में तेज गति से वृद्धि जारी है, जिससे लोग दहशत में जी रहे हैं. कुछ बाढ़ पीड़ित सुरक्षित स्थानों पर भी चले गए हैं. दूसरी ओर लखनदेई नदी में पानी न होने के कारण किसानों की खेती प्रभावित हो रही है. इस वर्ष नदी में पानी नहीं होने के कारण समस्या उत्पन्न हो रही है. गंडक के वाल्मिकीनगर में 80 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कोसी, गंडक, परमान, घाघरा, कमला बलान, बाया, परमान आदि नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. इस कारण लोगों में दहशत का माहौल है.

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बागमती के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से पीपा पुल के दोनों ओर बाढ़ का पानी फैल गया है. इस कारण चौदह पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है. पानी का बहाव होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोग ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. जलस्तर स्तर में वृद्धि जारी रहने पर सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी फैल जाने की आशंका जताई जा रही है.

नेपाल में हुई बारिश से जलस्तर में इजाफा

नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है. इस वजह से कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिये गये हैं. पानी बढ़ने के कारण बराज के दोनों और लाल झंडी लगा दी गयी है और बराज पर वाहनों के आवाजाही की गति सीमा तय की गयी है. नदी में पानी बढ़ने से पूर्वी कोसी तटबंध के 64.05 किलोमीटर स्पर का नोज कटने लगा है. जानकारी के अनुसार, रात नौ बजे कोसी बराज पर तीन लाख 98 हजार 345 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. चीफ इंजीनियर श्री रमन बताते है कि तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है. वहीं, अधीक्षण अभियंता जमील अहमद ने बताया कि नेपाल में भारी बारिश से कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है.

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गंगा नदी के जलस्तर में पांच सेंटीमीटर की कमी

भागलपुर जिले में शुक्रवार को गंगा नदी के जलस्तर में पांच सेंटीमीटर तक की कमी हुई. गंगा का जलस्तर 31.84 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान 33.68 मीटर से 1.84 मीटर नीचे है. वहीं नवगछिया अनुमंडल में बहने वाली कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला पुल के पास पांच सेंटीमीटर घट कर 29.48 मीटर तक पहुंच गया है. कोसी खतरे के निशान से 52 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. बीते तीन दिनों से बिहार व यूपी में बारिश जारी है. शुक्रवार को वाराणसी, बक्सर व पटना तक गंगानदी का जलस्तर में इजाफा हुआ है. अगले 24 घंटे में मोकामा, मुंगेर व भागलपुर तक गंगा के जलस्तर में आंशिक बढ़ोतरी हो सकती है.

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नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी उत्तम कुमार ने कहा है कि बांध पूरी तरफ सुरक्षित है. इसे लेकर किसी तरह का अफवाह नहीं फैलायें. उन्होंने बताया कि इस्माइलपुर के बिंदटोली तटबंध के बीच स्पर संख्या छह पर कटाव की सूचना हमलोगों को मिली थी. सूचना मिलते हीं हमलोग सक्रिय हो गये. तुरंत कटाव रोधी कार्य प्रारंभ करवाया गया. बांध पूरी तरह से सुरक्षित है. किसी तरह का अफवाह न फैलायें. जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता पहुंचे हुए हैं, उन्हीं के निगरानी में काम हो रहा है.

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