Bihar Flood Update: बिहार में नदी ने भयावह रुप ले लिया है. नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. शिवहर- मोतिहारी सड़क पर बागमती नदी का पानी पहुंचने से दो जिलों के बीच का संपर्क टूट गया है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही बारिश से बागमती एवं लालबकेया नदियों के जल स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. नदी में आयी बाढ़ का पानी शिवहर-मोतिहारी सड़क पर देवापुर से नरकटिया तक दो से तीन फुट बह रहा है. बाढ़ का पानी कच्ची सड़क के रास्ते निकल जिहुली, देवापुर गांव के निचले हिस्से में फैल रहा है. शिवहर-मोतिहारी पथ बाढ़ का पानी चढ़ जाने से इस रास्ते दोनों जिलों का संपर्क भंग हो गया है. सीओ सौरव कुमार ने जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि नदी के जलस्तर में धीरे- धीरे वृद्धि हो रही है. देवापुर घाट पर कर्मचारी को तैनात किया गया है.
वाल्मीकिनगर से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गंडक दियारा के कई इलाकों में नदी का पानी घुसा है. बगहा शहर के कई जगहों पर पानी का दबाव तेज है. गंडक दियारा के पिपरा पिपरासी तटबंध पर पानी का दबाव बना है. भारत नेपाल सीमा स्थित गंडक बराज वाल्मीकिनगर से लगभग तीन लाख 11 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़े जाने के बाद गंडक दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ आ गयी है. जिसके चलते कई इलाकों में जलमग्न हो गया है. बगहा शहर के शास्त्री नगर, पारस नगर, गोड़ियापट्टी, रामधाम मंदिर आदि जगहों पर गंडक नदी का दबाव बना हुआ है.
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इतना ही नहीं कई जगहों पर नदी का पानी घुस गया है. जिसको लेकर आम जनता परेशान है. वहीं किसानों की गाना और धान की फसल कहीं बाढ़ की पानी में बह नहीं जाए इसको लेकर चिंता का विषय बना हुआ है. हालांकि, जब भी बाढ़ का खतरा होने लगता है गंडक बराज वाल्मीकिनगर के 36 फाटक खोल दिया जाता है. ताकि गंडक बराज को किसी तरह की क्षति नहीं पहुंचे. वही बगहा शहर के पारसनगर तथा शास्त्रीनगर के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी घुस गया है. शहरवासियों में दहशत का माहौल कायम है. गंडक बराज से छोड़ा गया पानी 15 अगस्त के सुबह तक बगहा में पहुंचेगा. इसको लेकर अभी से लोगों में डर भय बना हुआ है.
वाल्मीकिनगर. गंडक बराज से सोमवार को सुबह 11 बजे तीन लाख 11 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया है. इससे वाल्मीकि नगर से सटे ठाढी गांव के बाहरी छोर और चकदहवा गांव के कान्ही टोला में सोमवार को सुबह बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. बाढ़ की आशंका को लेकर पूर्व तैयारी के कारण ग्रामीणों ने अपने पशु और राशन के साथ ऊंचे स्थान पर शरण ले लिये. नेपाल के जल अधिग्रहण वाले क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण गंडक बराज का जलस्तर चार लाख के करीब पहुंचने की संभावना है.
गंडक बराज के सभी फाटकों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठा दिया गया है. सभी कर्मियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. गंडक बराज के अभियंताओं के द्वारा कार्यपालक अभियंता रज्जन शमीम के नेतृत्व में निगरानी की जा रही है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मौसम को देखते हुए जल अधिग्रहण वाले क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है. गंडक के जलस्तर में वृद्धि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. जल स्तर बढ़ने पर चकदहवा झंडू टोला और विन टोला में पानी प्रवेश की संभावना काफी प्रबल हो गयी है.
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी अनुमंडल के सभी प्रखंड क्षेत्रों से गुजरनेवाली अधवारा समूह की प्रमुख सहायक नदी धौंस सहित अन्य नदियों के जलस्तर में पिछले दिनों से उतार-चढ़ाव जारी है. चार दिन पहले जहां धौंस नदी के जलस्तर में कमी होने लगी थी. वहीं सोमवार को एक बार फिर से वृद्धि होने लगी है. बारिश रुकने के बाद धौंस नदी के जलस्तर में कमी आने लगी थी. शुक्रवार और शनिवार को लगातार रुक-रुक कर हुई बारिश से फिर से जलस्तर बढ़ने लगा है. अब तक नेपाल की ओर से नदी में पानी नहीं प्रवेश किया है.
अत्यधिक बारिश होने पर सीतामढ़ी जिले के चौरौत से निकलकर मैदानी इलाके होते हुए मधवापुर-बेनीपट्टी प्रखंड सीमा त्रिमुहान में आकर धौंस नदी में मिलकर रजबा, धनुषी, माधोपुर राजघट्टा व बर्री गांव की ओर मुड़नेवाली कोकराझाड़ नदी का पानी मैदानी इलाकों की ओर फैल जाता है. कमोबेश यही स्थिति थुम्हानी नदी की भी रहती है, जो जल स्तर बढ़ते ही मल्हामोड़ के पश्चिम दिशा में ओवर फ्लो होकर मैदानी इलाकों में फैल जाता है. हालांकि उन नदियों का जलस्तर फिलहाल स्थिर देखा जा रहा है. धौंस नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद उन सभी नदियों के जलस्तर में भी इजाफा होने की संभावना प्रबल दिखती है. नदी किनारे आस-पास में बसे दर्जनों गांवों के लोग सहमे नजर आने लगे हैं. एसडीएम मनीषा ने कहा कि नदियों क़े जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. घबराने की आवश्यकता नहीं है. बाढ़ से निबटने के लिये प्रशासन सतर्क और सजग है.