वाल्मीकिनगर. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो गोनौली वन क्षेत्र कार्यालय परिसर में बीते दो दिनों से हो रही लगातार रुक रुक कर हो रही बारिश के कारण मनोर और भपसा पहाड़ी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिस कारण मनोर नदी का पानी गोनौली और उसके समीपवर्ती और तटवर्ती गांव में प्रवेश करने लगा है.
इस बाबत जानकारी देते हुए गोनौली वन क्षेत्र पदाधिकारी अवधेश प्रसाद सिंह ने बताया कि मनोर नदी का पानी के साथ हो रहे लगातार बरसात का पानी भी वन क्षेत्र कार्यालय परिसर में लगभग एक फीट प्रवेश कर गया है. जिससे कार्यालय परिसर में जब्त किये गये लकड़ी की गुल्लियां डूब गयी हैं.
लगातार हो रही बारिश के कारण वन क्षेत्र में पेटरौलिंग में भी वन कर्मियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. नदी के तटवर्ती वन क्षेत्र में पानी प्रवेश करने से वन्यजीव ऊंचे स्थानों की तरफ शरण लेने लगे हैं. वन कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. वन क्षेत्रों में नियमित पेट्रोलिंग की जा रही है.
मॉनसून की बारिश में एक बार फिर नदी में उफान ला दी है. बीते गुरुवार की शाम से हो रही बारिश से कटावरोधी कार्य भी प्रभावित हुआ है. बताया जाता है कि मसान नदी का अचानक जलस्तर बढ़ने से जोगिया पंचायत के शेरवा गांव स्थित तटबंध पर हो रहे बांस पायलिंग व अन्य कार्य की गति धीमी हो गई है.
बताया जाता है कि मसान के पानी ने अपने साथ कई बांस को भी बहा ले गया है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. गौरतलब है कि बीते दिनों बुधवार की शाम अनुमंडल पदाधिकारी शेखर आनंद ने शेरवा गांव पहुंचकर चल रहे फ्लड फाइटिंग के कार्य को देखा तथा कई निर्देश दिए थे.
एसडीएम ने बाढ नियंत्रण के अधिकारियों को यथाशीघ्र कार्य पूर्ण कर लेने का निर्देश दिया था. इस कार्य को करने के लिए एक जुलाई तक का समय भी मौखिक रूप से निर्धारित अधिकारियों ने किया था. लेकिन जब ऐसे ही इंद्र देवता का प्रकोप बना रहेगा तब कार्य समय से पूरा होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है. बहरहाल मसान नदी में पानी का स्तर परवान पर है.
Posted by Ashish Jha