बिहार में मानसून की बारिश शुरू होते ही बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है. बताया जा रहा है कि नेपाल में हुई जबरदस्त बारिश के कारण बागमती उफान पर है. इसके कारण समस्तीपुर समेत कई इलाकों में तेजी से कटाव हो रहा है. कटाव के कारण दर्जन भर गांव पर संकट मंडराने लगा है. अलग-अलग स्थानों पर कटाव रोकने के लिए फल्ड कंट्रोल द्वारा बोरी का बंडाल बनाया जा रहा है लेकिन बागमती की धारा के सामने वह टीक नहीं पा रहा है. विभाग के द्वारा कटावरोधी कार्य जारी है. मगर, स्थानीय ग्रामीण इससे नाखुश हैं.
मौसम विभाग के द्वारा बताया जा रहा है कि जून महीने में बिहार में काफी कम बारिश हुई. वहीं, जुलाई बेहतर बारिश होने की संभावना है. ऐसे में, उत्तर बिहार में नेपाल छोड़े जाने वाले पानी के कारण तबाही की आशंका है. बताया जा रहा है कि अचानक नदी के जलस्तर में बदलाव होने से सैकड़ों गांवों पर संकट छा जाता है.
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संभावित बाढ़ को लेकर डीएम योगेंद्र सिंह ने बुधवार को निर्माणाधीन ताजपुर बख्तियारपुर फोरलेन पुल के निकट से रसलपुर तक नाव से गंगा तटबंधों का निरीक्षण किया. इस दौरान संभावित बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए संबंधित विभागों द्वारा की गयी तैयारियों के बारे में जानकारी ली एवं संभावित बाढ़ को देखते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये. साथ ही रसलपुर स्थित गंगा तटबंध पर किये जा रहे बाढ़ निरोधी तटबंधों की मरम्मत कार्य का जायजा लिया. इस दौरान डीएम ने बताया कि संबंधित विभाग द्वारा युद्धस्तर पर जियो बैग एवं अन्य साधनों के माध्यम से कार्य चल रहा है. उन्होंने बाढ़ राहत केंद्र, बाढ़ शरणस्थली की चयन, सरकारी एवं गैर सरकारी नावों की उपलब्धता को लेकर प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया. पुलिस विभाग को निर्देश दिया गया कि संभावित बाढ़ के समय कानन एवं शांति व्यवस्था के लिए प्रभावी पेट्रोलिंग के साथ आपात स्थिति में एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी से समन्वय के लिए कार्ययोजना तैयार कर लें.