Flood in Bihar: बरसात के दिनों में बार-बार बह जाता है पुल, चंदा लगाकर ग्रामीण बनाते हैं चचरी पुल
Flood in Bihar: ग्रामीण बताते हैं कि यह हाल वर्षों से है. बारिश में गांव वासी काफी परेशान हो जाते हैं. इस पुल के निर्माण में न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि और ना ही प्रशासन ने कोई सुधि ली. जिससे करमाहा बोदसर में आज भी ग्रामीण चचरी पुल के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं.
Flood in Bihar: मुजफ्फरपुर जिले के हरनाटांड़ प्रखंड बगहा-2 अंतर्गत बिनवलिया बोदसर पंचायत के करमाहा गांव आज भी बदहाल बना हुआ है. जहां एक ओर बड़े-बड़े पुल पुलिया बनाए जा रहे हैं. वही इस गांव तक जाने के लिए ग्रामीणों द्वारा बनाए गए बांस का जर्जर चचरी पुल ही सहारा बना हुआ है. ग्रामीण बताते हैं कि यह हाल वर्षों से है. बारिश में गांव वासी काफी परेशान हो जाते हैं. इस पुल के निर्माण में न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि और ना ही प्रशासन ने कोई सुधि ली. जिससे करमाहा बोदसर में आज भी ग्रामीण चचरी पुल के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं. प्रत्येक वर्ष बाढ़ में चार से पांच बार चचरी पुल बह जाता है और ग्रामीण चंदा इकट्ठा कर पुल बनाते हैं.
चंदा लगाकर ग्रामीण बनाते हैं चचरी पुल
20 वर्षों से कोई भी जनप्रतिनिधि इस पर पक्का पुल का निर्माण नहीं करवाया और चुनाव के समय महज दिलासा देते हैं. लौकरिया थाना क्षेत्र के करमाहा बोदसर गांव से होकर गुजरने वाली झिकरी नदी पर चचरी पुल ही ग्रामीणों का सहारा है. दरअसल बोदसर गांव से बिनवलिया, नारायणगढ़ व हरनाटांड़ को जोड़ने वाले इस रास्ते पर अब तक पक्का पुल नहीं बन पाया है. ग्रामीण वर्षों से मांग करते आ रहे हैं कि इस पहाड़ी नदी पर एक पुल बनवा दिया जाए. ताकि उनको अपने खेतों समेत दर्जनों गांवों में आवागमन सुलभ हो सके. लेकिन अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता आया है.
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चचरी पुल के सहारे कट रही लोगों की जिंदगी
ग्रामीण बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष बाढ़ में उन्हें चार से पांच मर्तबा चचरी पुल बनवाना पड़ता है. क्योंकि जब भी पहाड़ी नदी उफनाती है तो उनके द्वारा बनाये गए चचरी पुल को बहा ले जाती है. जिसके बाद ग्रामीण चंदा इकट्ठा करते हैं और श्रमदान से पुल बनाते हैं. बता दें कि आदिवासी बहुल इस इलाके के अधिकांश लोगों की खेती झिकरी नदी के पार है. लिहाजा उन्हें प्रतिदिन पुल पार कर जाना ही पड़ता है. ऐसे में बाढ़ के सीजन में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इस बाबत पंचायत के मुखिया सीमा देवी ने बताया कि इस समस्या से वाल्मीकिनगर विधायक धीरेंद्र प्रताप उर्फ रिंकू सिंह को अवगत कराया गया है. विधायक ने इस पर पहल करने का आश्वासन दिया है.