इजराइल अंसारी, बगहा : कटाव तेज होने के चलते गंडक नदी ने अपनी मुख्य धारा बदली और आधा दर्जन मोहल्लों के पास पहुंच गयी है. जिसके चलते मोहल्लावासियों में भय, दहशत कायम हो गया है. बगहा खास गंडक दियरा में कटाव तेज हो गया है और कटाव होने के चलते गंडक नदी पारसनगर, गोड़ियापट्टी, अरगशिया टोला, मिर्जा टोला, रामधाम मंदिर, दिनदयालनगर, रतनमाला तथा पुअर हाउस पर कटाव का खतरा बढ़ गया है.
जिसके चलते बगहा शहर पर खतरा मंडराने लगा है. वही दूसरी ओर किसानों के खेतों में लगे गन्ना व धान की फसलें कट गंडक नदी के तेज धारा में विलीन हो रही है.अब तक किसानों सौकड़ों एकड़ खेतों में लगे गन्ना व धान की फसल कर गंडक की तेज धार में विलिन हो रही हैं.
गंडक नदी के किनारे किसान बैठकर गंगा भाई से कटाव नही करने की पूजा पाठ कर रहें है. किसान जयराम सहनी कहते है कि खेत गंगा माई काटव ली अब हम लोगों के बच्चे भूखमरी का शिकार होंगे. रामचंद्र सहनी ने बताया कि अभी तक कोई अधिकारी किसानों का हाल चाल जानने तक नहीं आये.
बगहा अनुमंडल के चार प्रखंड गंडक दियारा में आता है.जिसमें सबसे कटाव बगहा खास गंडक दियारा में हो रहा है. किसानों के खेतों में पक्के धान और तैयार गन्ने की फसल कट कर गंडक नदी के तेज धार में कट विलीन हो रही है.
किसान उन्होंने कहा कि धान और गन्ने की फसल जिस तरह कटकर विलीन हो गयी. किसानों का कहना है कि हम लोगों का खेत कट रहा है बगहा विकाश मित्र छठू राम ने बताया कि जिस तरह नदी का कटाव हो रहा है लगता है कि बगहा शहर पर खतरे का बादल मंडरा रहा है.
उठने लगी है मुआवजे की मांग : किसानों ने बताया कि आज तक गंडक दियरा में कटाव जहां भी कटाव हुआ है फसलें जो भी कट विलिन हो हुई है उसका मुआवजा सरकार द्वारा नहीं मिली है किसानों ने सरकार से मांग किया है कि हम लोंगों का खेत कट गंडक नदी में विलिन हो गया और आर्थिक कमर टूट गयी फसल क्षतिपूर्ति की की मुआवजा दिया जाये.
जयराम सहनी, युगूल सहनी, मुखक्ति सहनी, मुखलाल सहनी, कलावती देवी, गुलजार अंसारी, आलम अंसारी, धर्म महतो, मु. सबरा खातून, रामजी सहनी, मेवालाल महतो, रघुनाथ कुशवाहा, रामचंद्र साहनी, महावीर सहनी, शर्मा चौधरी, हरिंद्र चौधरी, गोपाल चौधरी, छोटेलाल सहनी आदि शामिल है.
Posted by Ashish Jha