पटना. गंगा, पुनपुन, सोन, गंडक सहित कई नदियों ने राज्य में रौद्र रूप धारण कर लिया है. राजधानी पटना में भी गंगा पूरे उफान पर है. गंगा अब जिले के ज्यादातर घाटों पर या तो खतरे के निशान से ऊपर बह रही है या उसके बेहद करीब है. जल संसाधन विभाग से मिली सूचना के मुताबिक गंगा नदी में जल स्तर हर घंटा करीब एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है.
बुधवार शाम से पहले यह बढ़ोतरी आधा सेंटीमीटर प्रति घंटा ही थी. गुरुवार सुबह छह बजे गांधी घाट पर गंगा का जल स्तर 50.04 मीटर था, दोपहर तीन बजे यह बढ़ कर 50.10 हो गया और शाम छह बजे यह बढ़ कर 50.12 मीटर पर पहुंच गया. गंगा नदी यहां पर खतरे के निशान से काफी उपर बह रही है. इस घाट पर खतरे का निशान 48.60 मीटर है. 2016 में यहां गंगा का जल स्तर रिकॉर्ड 50.52 मीटर था.
पटना में गंगा जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि शनिवार तक नदी का जल स्तर 2016 के रिकॉर्ड को तोड़ सकता है. पटना नहर पर पानी का दबाव बढ़ने के कारण दीघा लॉक में गेट को बंद कर दिया गया है. वहां बुडको के आठ पंप से पानी निकाला जा रहा है. हालांकि, आठ में से तीन पंप ही पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं.
पटना को बाढ़ से बचाने के लिए जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. गंगा किनारे की करीब 10 किलोमीटर वाली सुरक्षा दीवार में 108 ओपनिंग गेट हैं. इन सभी गेटों पर जहां भी पानी का दबाव है, वहां बालू भरे बोरे रखे गये हैं. ऐसे करीब 1.80 लाख बोरे का इस्तेमाल पटना शहर को बाढ़ से बचाने के लिए किया जा रहा है.
सुरक्षा दीवार के गेट से पानी शहर में नहीं घुसे, इसके लिए उसके रास्ते को ऊंचा किया गया है. अब तक की सरकारी तैयारियों के मुताबिक अगर एक मीटर तक भी पानी बढ़ता है, तो भी पटना शहर सुरक्षित रहेगा.
वैशाली जिले के राघोपुर में अपने घर मदहा जा रही मां और बेटी बाढ़ के पानी में बह गयीं. मृतकों की पहचान मदहा निवासी भूनदेव पासवान की 45 वर्षीया पत्नी पनमा देवी और 12 वर्षीया बेटी रीता कुमारी के रूप में हुई. घटना गुरुवार की शाम लगभग 3:15 बजे की है.
भोजपुर जिले के बड़हरा क्षेत्र के कई गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. यहां गंगा का जल स्तर प्रतिदिन 10 से 11 सेंटीमीटर बढ़ रहा है. बाढ़ के कारण शुक्रवार से बड़हरा क्षेत्र के 51 गांवों की बिजली आपूर्ति बंद रखने का निर्णय लिया गया.
गंगा के बढ़ते जल स्तर से बलिया-बयासी पुल पर आवागमन पर ठप हो गया है, जबकि बाढ़ के कारण चौसा-मोहनिया मार्ग पर जिला प्रशासन ने आवागमन बंद करा दिया है.
सारण जिले के तरैया में खदरा नदी के डायवर्सन पर गंगा नदी का पानी चढ़ा गया है. बनियापुर में प्रखंड मुख्यालय की समीपवर्ती पंचायत सरेया-सतुआ को जोड़ने वाली धमही नदी के जल स्तर में अचानक वृद्धि होने से गुरुवार को नदी का बांध टूट गया.
Posted by Ashish Jha