बेलदौर : प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती इतमादी पंचायत के पचबीघी गांधीनगर के वार्ड नंबर 4 और 5 पर कोसी कटाव का संकट मंडरा रहा है. अविलंब हो रहे कटाव पर अंकुश नहीं लगाया गया तो पचबीघी गांव समेत प्राथमिक विद्यालय गांधीनगर कटाव की भेंट चढ़ नदी के गर्भ में समा सकती है. वही हो रहे कोसी कटाव से इतमादी पंचायत के कई दर्जन घर कोसी नदी के गर्भ में समा चुके हैं.
वही पचबीघी गांव के कटाव स्थल समीप बसी आबादी लगातार कोसी कटाव का दंश झेलते बांस बल्ला व सैंड बैंग से स्वयं भी कटाव की रोकथाम को लेकर संघर्ष करने में जुटे हुए हैं. बावजूद कटाव की रफ्तार थम नहीं रही है. वही बाढ़ प्रमंडल के अधिकारी व कर्मी भी बीते शनिवार से कटावस्थल समीप निरोधात्मक कार्य में जुटे हैं लेकिन सभी प्रयास बेअसर साबित हो रहा है. गुरुवार को भी कटाव जारी था.
कोसी कटाव उक्त टोले समेत प्राथमिक विद्यालय गांधीनगर की ओर तेज रफ्तार से कटाव करते बढ़ रही है. इससे प्रभावित गांव के लोग विस्थापन का दंश व बच्चों के पठन पाठन ठप होने की चिंता से सहमे हुए हैं. वहीं प्रभावित ग्रामीणों में नेपल पासवान, बाल्मीकि पासवान, मनोज पासवान, छिटकी ठाकुर, संजीव ठाकुर, दयानंद पासवान, जयजय राम यादव, जितेंद्र यादव ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय गांधी नगर कटाव से महज 20 फीट बचा हुआ है जो वह भी कटने के कगार पर है.
वहीं इतमादी पंचायत के मुखिया हिटलर शर्मा ने बताया कि इतमादी पंचायत के ग्रामीणों द्वारा कई बार स्थानीय विधायक से की गयी. लेकिन कटाव की रोकथाम के लिये अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो पायी. जिसका खामियाजा प्रभावित आबादी भुगत रही है.
इतमादी पंचायत के वार्ड नंबर चार और पांच के जनता में इस बात को लेकर नाराजगी पनप रही है कि स्थानीय प्रतिनिधि के द्वारा कटाव की रोकथाम को लेकर ठोस पहल की गयी होती तो हम लोगों को आज यह समस्या देखने को नहीं मिलती. हम लोगों की तीन मांगे हैं जो हम लोगों को पूरा नहीं की गई तो हम लोग आगामी विधानसभा चुनाव के वोट का बहिष्कार करेंगे. अविलंब ठोस पहल कर कटाव निरोधी कार्य किया जाए जो करीब 800 मीटर में हो रही है.
चोढली जमींदारी बांध से लेकर मनोज मंडल घर से गांधीनगर इतमादी के मनोज पासवान के दरवाजे तक सड़क निर्माण कार्य किया जाए जो करीब साढ़े पांच किलोमीटर पक्की सड़क का निर्माण हो. इतमादी पंचायत के पचबीघी गांधीनगर सुदूरवर्ती क्षेत्र होने के कारण एक भी अस्पताल नहीं है. गांव में उप स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्था की जानी चाहिए. ताकि आवागमन संकट के बीच गंभीर मरीज को इस सुदूरवर्ती इलाके में तत्काल प्राथमिक उपचार मिल सके.
Posted By Ashish Jha