उत्तर बिहार की नदियों उफान पर है. हालांकि अब जलस्तर में कमी आयी है. बागमती के उफान से मुजफ्फरपुर में बाढ़ से जनजीवन बेहाल हो गया है. औराई व कटरा के गांव बाढ़ से घिर गए हैं. प्रमुख सड़कों पर पानी चढ़ने से आवागमन ठप हो गया है. बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गयी है. कई गांवों का संपर्क प्रखंड और जिला मुख्यालय से टूट गया है. मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 258 गर्भवती महिलाओं की पहचान की गयी है. तीन महीने के अंदर इनकी डिलिवरी की तिथि है. बाढ़ के दौरान इनके प्रसव की तिथि के अनुसार उन्हें सुरक्षित स्थान पर प्रसव कराने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग करेगा. इसके लिए सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने सोमवार को गायघाट के पीएचसी में बैठक की. इसमें गायघाट पीएचसी प्रभारी सहित कटरा और औराई के प्रभारी शामिल हुए.
औराई पीएचसी प्रभारी ने बताया कि उनके सहचरी एपीएचसी में महिलाओं के प्रसव की व्यवस्था की जा सकती है. एपीएचसी में जगह भी है और वहां प्रसव कराने में सहूलियत होगी. सीएस ने इस पर सहमति दी. उन्होंने अन्य पीएचसी प्रभारियों को सुरक्षित जगह देख कर कैंप लगाने का निर्देश दिया. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में गायघाट में 108, औराई में 74 और कटरा में 76 गर्भवती महिलाओं की पहचान की गयी है. स्वास्थ्य विभाग अब कैंप लगा कर इनके सुरक्षित प्रसव की तैयारी कर रहा है.
दवाओं की कमी हो, तो करें खरीदारी पीएचसी प्रभारियों के साथ बैठक में सीएस ने कहा कि दवाओं की कमी हो, तो सेंट्रल दवा गोदाम से दवा मंगा लें. किसी कारणवश कोई दवा नहीं मिलती है, तो रोगी कल्याण समिति के फंड से उसकी खरीदारी कर लें और उसकी ब्योरा उपलब्ध कराएं. डायरिया, कुत्ता और सांप काटने की दवा सहित अन्य सभी तरह की जीवन रक्षक दवाएं पीएचसी और एपीएचसी में उपलब्ध होना चाहिए. इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
सिविल सर्जन डॉ. यूसी शर्मा ने पीएचसी का निरीक्षण किया. उसके बाद कटरा, औराई व गायघाट के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ संभावित बाढ़ के मद्देनजर तैयारी की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़ को देखते हुए तीनों प्रखंड में चलंत मेडिकल टीम का गठन अवश्य करें. सीओ से संपर्क कर चिह्नित ऊंचे स्थान पर बाढ़ प्रभावित शरणार्थी शिविर बनना है, उसकी सूची प्राप्त कर वहां मेडिकल टीम की अस्थायी प्रतिनियुक्ति करनी है. बाढ़ के समय में पेयजल दूषित हो जाता है, इसके लिए हैलोजन की टीकिया की व्यवस्था कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में इसका वितरण कराएं.
इन दिनों सर्पदंश की घटना भी बढ़ती है. इसलिए स्नैक बाइट इंजेक्शन की व्यवस्था अस्पताल में होनी चाहिए. दवा की कमी न हो, इसके लिए सभी तरह की दवाओं का उठाव समय पहले कर लें. सीएस ने एइएस वार्ड व लेबर रूम का भी निरीक्षण किया. एइएस वार्ड में प्रतिनियुक्त एएनएम द्वारा संतोषप्रद उत्तर नहीं देने पर कहा कि इनको प्रशिक्षण की जरूरत है, इन्हें जल्द ट्रेनिंग दिलाएं. वहीं लेबर रूम की व्यवस्था पर संतोष जाहिर करते हुए एएनएम रिंकू मूमारी को शाबासी भी दी. मौके पर जिला नोडल पदाधिकारी चन्द्रशेखर प्रसाद, कटरा प्रभारी डॉ कल्याण कुमार, औराई प्रभारी डॉ कुमार अनुपम व गायघाट प्रभारी डॉ दीपनारायण महतो मौजूद थे.