Flood in Bihar : दरभंगा-समस्तीपुर के बीच रेलसेवा बंद, उफनाई नदियों ने तोड़े कई बांध
उत्तर बिहार में बाढ़ के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. शुक्रवार को एक के बाद एक कई तटबंध और बांध दरक गये. हायाघाट के पास कमला का पानी रेल पुल के करीब आने के बाद दरभंगा और समस्तीपुर के बीच रेल सेवा रोक दी गयी है. इस बीच मौसम विभाग ने अधिकतर जिलों में बारिश होने की आशंका प्रकट की है.
पटना : उत्तर बिहार में बाढ़ के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. शुक्रवार को एक के बाद एक कई तटबंध और बांध दरक गये. हायाघाट के पास कमला का पानी रेल पुल के करीब आने के बाद दरभंगा और समस्तीपुर के बीच रेल सेवा रोक दी गयी है. इस बीच मौसम विभाग ने अधिकतर जिलों में बारिश होने की आशंका प्रकट की है. सुपौल, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी और मधुबनी के कई प्रखण्डों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. अकेले दरभंगा और तिरहुत प्रमंडल के ही 50 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है. गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती और कोसी नदी लाल निशान के ऊपर बह रही है. इसके जलस्तर में बढोतरी की आशंका है.
तटबंधों को लांघने को आतुर है गंडकनेपाल के वाल्मीकी नगर बराज से छोड़े गये सर्वाधिक साढे चार लाख क्यूसेक पानी के गोपालगंज पहुंचने के बाद गुरुवार को गंडक नदी बेकाबू हो गयी. एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पानी के तटबंध के ऊपर से बहने की स्थिति बन गयी है. वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में 4.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गोपालगंज-बेतिया महासेतु के आगे एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया. माइनर ब्रिज के पास दोनों तरफ करीब 20-20 मीटर तक एप्रोच पथ पानी के तेज धार में बह गया, जिससे गोपालगंज-बेतिया पथ पर परिचालन ठप हो गया है.
शुक्रवार की सुबह पश्चिम चंपारण के मझौलिया में सिकरहना में जमींदारी बांध टूट गया. इससे करीब ढाई हजार परिवार बाढ़ग्रसत हो गया. सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें पानी में बह गयी. जल संसाधन विभाग के अनुसार वाल्मीकिनगर बराज से 2.18 लाख क्यूसेक पानी गंडक में छोड़ा गया है. गंडक में उफान से बैरिया में चंपारण बांध भी टूट गया है. हालांकि जलसंसाधन विभाग की टीम ने बालू भरे बैग से रिसाव को बंद करने का बहुत प्रयास किया. तटबंध के भीतर के लोगों के रात में ही निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था. गंडक के कहर से वाल्मीकिनगर, बगहा, ठकराहा, भितहा, बैरिया व नौतन के दो दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं. इधर, गोपालगंज में भी गंडक का मुख्य तटबंध गुरुवार की देर रात देवापुर में टूट गया. इससे बरौली और मांझा प्रखंड के 12 से अधिक गांवों बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. जिले के 45 गांव अब तक बाढ़ में पूरी तरह डूबे हुए हैं.
दरभंगा में बागमती का पछियारी तटबंध टूटादरभंगा जिले के के केवटी प्रखंड के माधोपट्टी में कचहरी टोला के पास बागमती नदी का पछियारी तटबंध टूटा, पाठक टोला के कई घरों में बाढ़ का पानी चला गया है. लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम चल रहा है. इधर दरभंगा शहर के नीचले इलाके में भी पानी बढ़ने लगा है. शहर के कई मोहल्लों में लोगों के घरों में पानी चला गया है.
दरभंगा के बदले मुजफ्फरपुर के रास्ते होगा परिचालनसमस्तीपुर और दरभंगा में ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया है. दरअसल शुक्रवार की सुबह 07.05 बजे के बाद से हयाघाट के पास ब्रिज नंबर -16 के गाडर को बाढ़ का पानी छूने लगा है. इसके बाद रेलवे ने एहतियातन रेल सेवा तत्काल बंद करने का निर्णय लिया. रेलवे के मुताबिक अब दरभंगा से खुलने वाली ट्रेनों का सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के रास्ते परिचालन होगा.
सरकार ने जिलों से मांगी क्षति की सूचीसीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, खगड़िया, पूर्वी व पश्चिमी चम्पारण बाढ़ ग्रसत हैं. इस जिलों में जिला प्रशासन को क्षतिग्रस्त मकानों व फसल नुकसान का भी ब्यौरा तैयार करने को कहा गया है. प्रभावितों को सहायता देने के लिए आपदा प्रबंधन ने लोगों की पहचान कर उनकी सूची बनाने का निर्देश जिलों को दिया है. मालूम हो कि फसल क्षति से लेकर मकान व पशु नुकसान में भी सहायता का प्रावधान है. फसल नुकसान का विवरण कृषि विभाग के माध्यम से तैयार होगा. लोगों को जल्द से जल्द सहायता राशि दी जा सके, इसके लिए जल्द सूची तैयार करने को कहा गया है. इसके अलावा सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों को कपड़ा और बर्तन के नुकसान होने पर भी सहायता देने का प्रावधान है.
posted by ashish jha