Flood in Bihar: अररिया में एनएच 327 E पर बह रहा तीन फुट पानी, सहरसा में तिलाबे नदी पर बना डायवर्सन बहा

Flood in Bihar: सहरसा के सोनवर्षाराज-सिमरी बख्तियारपुर मुख्य मार्ग में मनौरी चौक स्थित तिलाबे नदी पर बनाया गया डायवर्सन डूब गया. जिससे उक्त मार्ग से छोटी बड़ी वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 1, 2022 10:14 AM

बिहार के अररिया, किशनगंज, सुपौल, सहरसा व पूर्णिया के एक दर्जन प्रखंडों के सैकड़ों गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं. अररिया शहर के कई वार्डों में परमान नदी का पानी घुस गया है. वहीं, एनएच 327 इ के बोरिया डायवर्सन पर करीब तीन फुट पानी बह रहा है. डायवर्सन पर पानी बहने से अररिया-बहादुरगंज मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है. इधर, किशनगंज के दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, ठाकुरगंज, पूर्णिया के अमौर व बैसा, सुपौल के किशनपुर व मरौना में हालत खराब हैं.

सहरसा में तिलाबे नदी पर बना डायवर्सन बहा

सहरसा के सोनवर्षाराज-सिमरी बख्तियारपुर मुख्य मार्ग में मनौरी चौक स्थित तिलाबे नदी पर बनाया गया डायवर्सन डूब गया. जिससे उक्त मार्ग से छोटी बड़ी वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है. गुरुवार को कोसी का डिस्चार्ज बढ़ कर 01 लाख 76 हजार 400 क्यूसेक हो गया. सुपौल में पानी के डिस्चार्ज के लिए कोसी बराज का 24 फाटक खोल दिया गया था. कोसी में छोड़ा गया 1.64 लाख क्यूसेक पानी भारी बारिश के बाद कोसी नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी दर्जकी गयी. गुरुवार को कोसी का डिस्चार्ज बढ़ कर एक लाख 76 हजार 400 क्यूसेक हो गया. शाम छह बजे वीरपुर स्थित कोसी बराज पर नदी का कुल डिस्चार्ज एक लाख 64 हजार 715 क्यूसेक दर्ज किया गया.

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कोसी, कमला, भूतही बलान, लालबकेया व बागमती का जल स्तर बढ़ा

मधुबनी. नेपाल की तराई क्षेत्र समेत आसपास के क्षेत्रों में दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से कोसी, भूतही बलान, कमला, लालबकेया व बागमती नदियों का जल स्तर बढ़ गया है. नदियों के जल स्तर बढ़ने से मधुबनी के मधेपुर प्रखंड की गढ़गांव पंचायत के मैनाही, परियाही, गोबरगढ़ा, बगेवा सहित अन्य गांवों के निचले इलाके में पानी भर गया है. भूतही बलान एवं तिलयुगा नदी का पानी जानकीनगर गांव के समीप सड़क पर बहने लगा है़ मोतिहारी में दूसरे दिन भी मोतिहारी का शिवहर- सीतामढ़ी का संपर्क भंग रहा. इधर, गंडक बराज वाल्मीकिनगर से गुरुवार को दो बजे तक दो लाख 64 सौ क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया. इससे जल स्तर बढ़ने की आशंका बनी हुई है.

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