गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने के साथ ही वैशाली जिले अंतर्गत राघोपुर के कई इलाकों में हालात बिगड़ने लगे हैं. गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने के बाद राघोपुर को सड़क मार्ग से जोड़ने का एक मात्र साधन रुस्तमपुर-कच्ची दरगाह पीपा पुल को मंगलवार को खोल दिया गया.जिससे राघोपुर प्रखंड के लोगों की परेशानी अब बढ़ गयी है. पीपा पुल के खुलने के साथ ही अब अगले छह महीने तक राघोपुर प्रखंड के लोगों को राजधानी पटना जाने के लिए या जिला मुख्यालय हाजीपुर समेत अन्य जगहों पर जाने-आने के लिए नाव से ही गंगा नदी पार करना होगा. इसकी वजह से राघोपुर प्रखंडवासियों को अगले छह माह तक आवागमन की परेशानी झेलनी पड़ेगी.
हाजीपुर-पटना जाने वालों की परेशानी बढ़ी
राघोपुर विधानसभा पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का क्षेत्र है. मालूम हो कि राघोपुर से प्रतिदिन हजारों लोग राजधानी पटना, हाजीपुर समेत अन्य जगहों पर जाते-आते हैं. राघोपुर से दैनिक मजदूर, नौकरी-पेशा के साथ-साथ दूध-सब्जी विक्रेता व हजारों छात्र-छात्राएं रोजाना पटना-हाजीपुर जाते-आते हैं. बड़ी संख्या में पटना, हाजीपुर से राघोपुर प्रखंड के कार्यालय सरकारी शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी, बैंककर्मी आदि भी रोजाना सफर करते हैं. पीपा पुल जाने से इन सबकी परेशानी काफी बढ़ गयी है.
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पीपा पुल खुलते ही शुरू हो जाती है ओवरलोडिंग
चारों ओर से गंगा नदी से घिरे राघोपुर प्रखंड के लोग छह महीने पीपा पुल से और छह महीने नाव के सहारे आवागमन करते हैं. गंगा नदी का जलस्तर बढ़ते ही पीपा पुल को खोल दिया जाता है. पीपा पुल के खुल जाने के बाद राघोपुर के रूस्तमपुर, जेठुली समेत गंगा नदी के अन्य घाटों से खुलने वाले नाव पर ओवरलोडिंग बढ़ जाती है. नाव पर क्षमता से अधिक यात्री बैठाये जाते हैं, इसकी वजह से हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है. वहीं आवागमन का कोई दूसरा साधन नहीं होने की वजह से नाविकों की मनमानी भी शुरू हो जाती है.
नाव ही बचा अब एकमात्र साधन, ओवरलोडिंग से हादसे की संभावना
सरकारी स्तर पर नाव का कोई यात्री किराया तय नहीं होने की वजह से नाविक यात्रियों से मनमाना किराया वसूल करने लगते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि पीपा पुल खुल जाने के बाद राघोपुर प्रखंड के लोगों की दिक्कत काफी बढ़ गयी है. अब आवागमन का एकमात्र साधन नाव बच गया है. विभिन्न घाटों से खुलने वाले नाव पर ओवरलोडिंग शुरू हो गयी है. जिला प्रशासन से नाव पर ओवरलोडिंग पर रोक लगाने के लिए सभी नदी घाटों पर पुलिस बल की तैनाती की मांग भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की ओर से की गयी है.