Flood Update: बिहार में कई नदियों ने विकराल रुप ले लिया है. गंडक नदी के कहर से फसलों को बर्बाद कर दिया है. किसानों की 500 एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है. गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. निचले इलाके में बाढ़ के पानी ने प्रवेश कर लिया है. बता दें कि बेगूसराय का बगहा नगर हरी सब्जी आपूर्ति करने में अव्वल रहता है. लेकिन, गंडक ने यहां तकीब 80 फीसदी फसलों को बर्बाद कर दिया है. खेतों में बालू भर चुकी है.
500 एकड़ की फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो चुकी है. इस कारण किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बेगूसराय जिले के बगहा नगर के रतनमाला में सब्जी की फसल को भारी नुकसान हुआ है. नदी का पानी सब्जी और धान की फसलों को बर्बाद कर रहा है. किसानों के अनुसार यहां सबसे अधिक नेनुआ की फसल का नुकसान हुआ है. इधर, दरभंगा जिले के हायाघाट और हनुमाननगर प्रखंड के करीब आधा दर्जन गांव में बागमती और करेह नदी का पानी प्रवेश कर चुका है.
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हायाघाट प्रखंड मुख्यालय को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर पानी आ चुका है. इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नया टोला, घरारी, सराय हामिद, हनुमाननगर प्रखंड के अम्माडीह, बहपत्ति, छतौना सहित करीब आधा दर्जन गांव नदी का प्रकोप झेल रहे है. गांव में पानी के प्रवेश करने से ग्रामीणों में के लिए सफर का एक मात्र साधन नाव ही बचा है. करीब 25 हजार लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है. हनुमाननगर प्रखंड वार्ड नंबर 5 में मध्य विद्यालय के चारों तरफ बाढ़ का पानी फैल गया. इस कारण बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे है.
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सहरसा के पूर्वी कोसी तटबंध से सटे बाहर का इलाका जलजमाव से ग्रसित है. हालांकि, बाढ़ व बरसात के मौसम में जलजमाव का प्रभाव ज्यादा हो जाता है, जिस कारण लोगों की परेशानी बढ़ जाती है. जलजमाव वाले क्षेत्र के गांवों के लोगों को खेतीबाड़ी व अन्य दैनिक कार्यों के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में अधिकांश प्रभावित परिवारों को डेंगी नाव रखना मजबूरी हो जाता है. सोनपुरा-बरियारपुर का एक किसान एनएच 107 के खोजूचक चौक पर एक दुकान से नाव खरीद घर ले जाने के लिए टमटम पर चढ़ाया जा रहा है.
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जल संसाधन विभाग बाढ़ पूर्वानुमान में अधिक सक्षम हाेगा. इसे लेकर विभाग और केंद्रीय जल आयोग के बीच हाइड्रो मेट्रोलॉजिकल डेटा शेयरिंग पर एमओयू हुआ है. इस दौरान सिंचाई भवन में आयोजित बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद और केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष कुशवेंद्र वोहरा मौजूद रहे. दोनों अधिकारियों के नेतृत्व में ”जल संसाधन के विकास एवं प्रबंधन” विषय पर विचार-विमर्श किया गया. इस बैठक में केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय जल आयोग, गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग और केंद्रीय भूगर्भ जल बोर्ड के वरीय अधिकारी मौजूर रहे. वहीं राज्य सरकार की तरफ से जल संसाधन विभाग और लघु जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारीगण मौजूद थे.
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कटिहार जिले में थाना क्षेत्र के मेघु टोला गांव के जितेंद्र सिंह का 11 वर्षीय पुत्र संतोष कुमार की गंगा नदी के बाढ़ के पानी में डूबकर मौत हो गयी है. मृतक संतोष कुमार के पिता जितेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा नदी के समीप बच्चे स्नान कर रहे थे. इस दौरान मेरा बच्चा भी गांव के बच्चों के साथ स्नान करने चला गया था. ग्रामीण ने इसके डूबने की हल्ला किया. हल्ला पर दौड़कर नदी के किनारे पहुंचे. तब तक मेरा बेटा संतोष कुमार की डूबने से मौत हो गई थी. ग्रामीणों के सहयोग से मृतक बच्चे का शव नदी से बाहर निकला गया. मृतक बच्चे का शव को परिजनों ने अमदाबाद थाना लाया गया था. थाना में आवश्यक कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल कटिहार भेज दिया गया. घटना को लेकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था. गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. मालूम हो कि यहां गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.