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बिहार: गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी, तटबंध के अंदर बसे सैकड़ों घर प्रभावित, जानें कोसी व गंगा का हाल

Bihar Flood Update: बिहार में कई नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. गोपालगंज में गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. तटबंध के अंदर बसे सैकड़ों घर प्रभावित है. जानिए गंगा और कोसी के ताजा हालात...

Bihar Flood Update: गोपालगंज में गंडक नदी उफान पर है. इस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. स्थानीय लोगों में भय का माहौल है. प्रखंड के सगुनी व चंचलिया गांव के समीप नदी में कटाव शुरु हो चुका है. इससे आसपास के क्षेत्रों में ग्रामीण सहमे हुए है. बराज से पानी आने की वजह से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई है. किसानों की फसलें डूब गई है. पिछले साल बाढ़ से किसानों की काफी क्षति हुई थी. गंडक के बढ़ते जलस्तर के कारण करीब आठ गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए है. वहीं, जिले में तटबंध के अंदर बसे करीब 100 घर नदी के प्रकोप से प्रभावित है.

कोसी नदी के जलस्तर में आंशिक कमी

भागलपुर जिले में गुरुवार को गंगानदी के जलस्तर में चार सेंटीमीटर की आंशिक कमी आयी है. वहीं गंगाघाटों पर पानी का तेज प्रवाह के कारण दबाव बना हुआ है. शहर के सभी गंगा घाटों पर पानी कुछ कम हुआ है. इनमें पुलघाट, श्मशान घाट, मुसहरी घाट, बूढ़ानाथ मंदिर घाट, किला घाट व विश्वविद्यालय घाट हैं. जलसंसाधन विभाग पटना द्वारा जारी सूचना के अनुसार 17 अगस्त को दोपहर दो बजे भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर घट कर 32.94 मीटर पर पहुंच गया. जलस्तर अपने खतरे के निशान 33.68 मीटर से फिलहाल 74 सेंटीमीटर दूर है. गंगा नदी का जलस्तर सिर्फ भागलपुर ही नहीं, बल्कि मोकामा, पटना, बक्सर, वाराणसी व प्रयागराज तक कम हो रहा है. इधर, जिले के नवगछिया अनुमंडल होकर बहने वाली कोसी नदी के जलस्तर में आंशिक कमी हुई है. नवगछिया सीमा पर स्थित कुरसेला घाट पर कोसी नदी एक सेंटीमीटर कम होकर 30.28 मीटर तक पहुंच गया है. इस समय कोसी नदी खतरे के निशान से 28 सेंटीमीटर ऊपर है.

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गंगा के कटाव से लोग परेशान

बैकठपुर दुधैला पंचायत के वार्ड छह स्थित मवि चहौद्दी दियारा का एक कमरा गंगा नदी में समा गया है. ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय का ऑफिस, शौचालय व अन्य कमरा गंगा के कटाव की जद में आ गया है. विद्यालय कभी भी गंगा में समा सकता है. प्रधानाध्यापक ने पूर्व में अधिकारियों को कटाव के बारे में लिखित सूचना दी थी. प्रधानाध्यापक ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से आवश्यक कागजात व अन्य जरूरी सामान को सुरक्षित जगह पर रखा गया है. विद्यालय का स्थापना डीपीइपी-3 कार्यक्रम के तहत वर्ष 2000 में हुआ. वर्ष 2014 में विद्यालय प्राथमिक से मवि के रूप में उत्क्रमित हुआ. वर्तमान में इस विद्यालय में कुल 182 छात्र-छात्राओं में 84 लड़की व 98 लड़के शामिल हैं.

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इसे लेकर स्थानीय लोग जानकारी देते है कि विद्यालय के गंगा में समा जाने से 182 छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में परेशानी होगी. उक्त विद्यालय भवनहीन हो जायेगा. यहां के छात्र-छात्राओं को चहौद्दी दियारा से छह किलोमीटर दूर उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय दुधैला जाना पड़ सकता है. ग्रामीण बताते हैं कि उक्त विद्यालय की दूरी बहुत ज्यादा है. दो छोटी-छोटी गंगा की उप धारा पार करके जाने में बच्चे असहज हो जायेंगे. मुख्य गंगा के उस पार के विद्यालयों में अभिभावक बच्चों को संसाधन के अभाव में भेजना पसंद नहीं करेंगे.

कोसी नदी ने तोड़ा कई साल का रिकार्ड

बता दें कि राज्य में कई जगह बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है. कोसी नदी ने कई साल का रिकार्ड तोड़ दिया है. सहरसा में कोसी नदी में आए उफान से दर्जनों गांवों में बाढ़ तबाही मचा रही है. हालांकि, पिछले साल की तरह इस साल पूर्वी कोसी तटबंध पर दबाव देखने को नहीं मिला है. लेकिन, कोसी पूर्वी तटबंध के अंदर बसे आधा दर्जन प्रखंडों के सैकड़ों गांवों में नदी के बढ़े जलस्तर ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. सीमावर्ती इलाके में लगातार हो रही भारी बारिश से कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से कोसी उफान पर है. नेपाली में हो रही बारिश से बिहार के लोगों को परेशानी हो रही है. क्योंकि, नदी के जलस्तर में इजाफा हो रहा है.

बाढ़ की स्थिति को लेकर लोग चिंतित है. सभी अपने परिवार के छोटे-छोटे बच्चे को लेकर डरे सहमे हुए हैं. बताया जाता है कि नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण लोगों का जन जीवन तबाह है. सभी को काफी समस्या हो रही है. लोग के घर आंगन में पानी भर चुका है. पशुओं को भी परेशान हो रही है.

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