मद्य निषेध विभाग के कंट्रोल रूम में आयी शिकायतों की बाढ़, महीने भर में सात हजार से ज्यादा मिलीं शिकायतें

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के कंट्रोल रूम नंबर पर लगभग सात हजार से अधिक शिकायतें मिली हैं. लोग वाहनों से होने वाली शराब की मूवमेंट, होटल या सार्वजनिक इलाके में संदिग्ध गतिविधि से लेकर परिवार के किसी सदस्य या पड़ोसी के शराब पीने संबंधित जानकारी दे रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 24, 2021 12:40 PM

बिहार में शराब को लेकर सख्ती बढ़ने के साथ ही शिकायतों की बाढ़ आ गयी है. हालत यह है कि पिछले एम महीने में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के कंट्रोल रूम नंबर (15545 और 1800-345-6268) पर लगभग सात हजार से अधिक शिकायतें मिली हैं. लोग वाहनों से होने वाली शराब की मूवमेंट, होटल या सार्वजनिक इलाके में संदिग्ध गतिविधि से लेकर परिवार के किसी सदस्य या पड़ोसी के शराब पीने संबंधित जानकारी दे रहे हैं. कंट्रोल रूम इन शिकायतों को दर्ज करते हुए संबंधित डीएम, एसपी, उत्पाद अधीक्षक और स्थानीय थाने को एक साथ यह शिकायतें भेज रहा है, ताकि किसी स्तर पर कार्रवाई में कोताही न बरती जाये.

पुरस्कार देकर बढ़ाया जा रहा हौसला

बड़े मामलों की गुप्त सूचना देने वालों को नकद पुरस्कार देकर भी उनका हौंसला बढ़ाया जा रहा है. इसके लिए विभाग ने राजधानी क्षेत्र के सभी थानों को दस-दस हजार रुपये का आवंटन भी उपलब्ध कराया है. इसके अलावा सभी जिलों के डीएम-एसपी को भी निर्धारित रकम भेजी गयी है, ताकि ऐसी सूचना देने वालों को प्रोत्साहित किया जा सके.

विभाग कंट्रोल रूम में मिलने वाली शिकायतों का फीडबैक भी ले रहा है. इसके लिए रेंडमली शिकायत का चयन कर आवेदक के नंबर पर फोन कर उनसे शराब धंधेबाजों पर कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली जा रही है. आवेदक के संतुष्ट नहीं होने पर संबंधित प्रशासनिक अधिकारी से इस संबंध में कार्रवाई का ब्योरा लिया जाता है. इस दौरान आवेदक का नाम, पता गोपनीय रखा जाता है.

Also Read: Bihar News: आइजीआइएमएस में कार्यरत 16 कर्मियों को मिले 44 लाख से ज्यादा वेतन की होगी वसूली, जानें पूरा मामला
अपर मुख्य सचिव के नंबर पर भी मिल रहा फीडबैक

कंट्रोल रूम के साथ ही विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के सार्वजनिक हुए मोबाइल नंबर 9473400600 पर भी वाट्सएप और मैसेज के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं. सूचना की संवेदनशीलता को देखते हुए इन सूचनाओं को संबंधित डीएम-एसपी या अन्य पदाधिकारी को भेजा जाता है. संबंधित पदाधिकारी मैसेज से ही उसकी कार्रवाई रिपोर्ट भी भेज रहे हैं. गुप्त सूचनाओं पर ही हाल ही में शराब के कई बड़े मामले का खुलासा हुआ है.

Next Article

Exit mobile version