बिहार में सुधरे बाढ़ के हालात, घटा नदियों का पानी, सड़क बननी शुरू
इसके तहत राजधानी पटना में दीघा से दीदारगंज जेपी गंगा पथ परियोजना में शुक्रवार से बाढ़ के कारण जमा गाद की सफाई और मिट्टी भराई का काम शुरू हो गया. हालांकि बारिश की संभावना को देखते हुये काम की गति फिलहाल धीमी है.
पटना. राज्य में नदियों का पानी घटने के बाद सड़क निर्माण की तैयारी शुरू हो चुकी है. इसमें नयी और बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कें शामिल हैं. इसके तहत राजधानी पटना में दीघा से दीदारगंज जेपी गंगा पथ परियोजना में शुक्रवार से बाढ़ के कारण जमा गाद की सफाई और मिट्टी भराई का काम शुरू हो गया. हालांकि बारिश की संभावना को देखते हुये काम की गति फिलहाल धीमी है.
दीघा से दीदारगंज तक जेपी गंगा पथ के निर्माण के लिए आइआइटी, रूड़की के विशेषज्ञों ने मंगलवार को निरीक्षण किया था. नौजार घाट से दीदारगंज तक करीब 4.1 किमी के हिस्से में दो किमी तक पायों का फाउंडेशन वर्क पूरा हो चुका है.
सुपरस्ट्रक्चर का काम जल्द शुरू होगा. साथ ही इस सड़क से पीएमसीएच कनेक्टिविटी के लिए फाउंडेशन और सबस्ट्रक्चर का काम हो चुका है. अक्टूबर, 2021 से इस पर सुपरस्ट्रक्चर का काम शुरू हो जायेगा. इधर, पुराने महात्मा गांधी सेतु परियोजना के लिए दो लेन की सड़क निर्माण फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है.
300 परियोजनाओं का काम बाधित
सूत्रों के अनुसार राज्य में पथ निर्माण विभाग की करीब 300 परियोजनाओं पर काम चल रहा था जो फिलहाल बाढ़ से बाधित हो गया है. वहीं पथ निर्माण विभाग की पटना सहित करीब 29 जिलों की 276 मुख्य सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया था.
ग्रामीण कार्य विभाग की करीब 2121 ग्रामीण सड़कें और 94 छोटी पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुई थीं. जहां-जहां पानी कम हो रहा है, वहां सड़कों की मरम्मत शुरू की जा रही है.
गांधी घाट पर भी कम हो गया गंगा का जल स्तर
पटना जिले में गंगा नदी का जल स्तर लगातार कम हो रहा है. गांधी घाट का जल स्तर भी घटते हुए खतरे के निशान के समीप आ गया है. शनिवार को इस घाट पर भी जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आ जायेगा. जिले के दीघा घाट, मनेर, श्रीपालपुर घाट में गुरुवार को ही जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आ चुका है.
शुक्रवार को गांधी घाट का जल स्तर 48.82 मीटर हो चुका है. जबकि खतरे का निशान 48.60 मीटर पर है. खतरे के निशान से नीचे आने में महज 22 सेंटीमीटर ऊपर है. इसी प्रकार, दीघा घाट का जल स्तर 49.91 मीटर हो चुका है.
Posted by Ashish Jha