बिहार में फिर बाढ़ का खतरा, नेपाल में बारिश के कारण खोले गए कोसी बराज के 17 फाटक, गंगा-घाघरा भी उफान पर
Flood in Bihar: बिहार में फिर एक बार बाढ़ का खतरा बना हुआ है. कोसी बराज के 17 फाटक खोल दिये गये हैं. बुधवार को कोसी का डिस्चार्ज करीब पौने दो लाख क्यूसेक हो गया था.
Flood in Bihar: नेपाल स्थित कोसी के जल अधिग्रहण क्षेत्र एवं सीमावर्ती भारतीय प्रभाग में विगत तीन-चार दिनों से हो रही बारिश के कारण कोसी नदी एक बार फिर से उफान पर है. सीमावर्ती क्षेत्र और नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार दो दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के बाद नदी के जलस्तर में उछाल देखा जा रहा है. कोसी बराज के 17 फाटक खोल दिये गये हैं. बुधवार को कोसी का डिस्चार्ज करीब पौने दो लाख क्यूसेक हो गया था. गुरुवार की शाम 06 बजे वीरपुर स्थित कोसी बराज पर नदी का कुल डिस्चार्ज 01 लाख 28 हजार 705 क्यूसेक दर्ज किया गया. जिसमें 5700 क्यूसेक पानी पूर्वी मुख्य केनाल एवं 02 हजार क्यूसेक पानी पश्चिमी मुख्य नहर में छोड़ा गया. इसी समय नेपाल स्थित बराह क्षेत्र में कोसी का कुल डिस्चार्ज 75 हजार 800 क्यूसेक अंकित किया गया. जो जल स्तर में कमी आने का संकेत दे रहा था.
बाढ़ आने की संभावना
सारण जिले के पश्चिम-दक्षिण से बहने वाली घाघरा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं इसके अगले एक से दो दिनों तक चरम पर जाने की संभावना है. इसको लेकर बाढ़ नियंत्रण के पदाधिकारी तटबंधों आदि के सुरक्षात्मक उपाय में लगे हुए हैं. हालांकि, गंडक नदी का जलस्तर फिलहाल घटा है. लेकिन फिर नेपाल में बारिश होने के कारण पानी बढ़ने की संभावना है. वहीं गंगा और घाघरा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार के अनुसार पिछले 24 घंटे में घाघरा के जलस्तर में 24 सेंमी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. घाघरा खतरे के निशान से 42 सेंमी ऊपर बह रही है. वहीं गंगा का जलस्तर पिछले 24 घंटे में महज दो सेंटीमीटर बढ़ा है. घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ने को लेकर एक बार फिर बाढ़ आने की संभावना बढ़ गयी है.
रबी की बोआई पर पड़ेगा असर
गंडक का पानी सारण, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर जिले के निचले क्षेत्रों में घुसने तथा अब घाघरा का पानी विभिन्न निचले इलाकों में घुसने से इसका सीधा असर रबी सीजन के बोआई पर पड़ेगा. कार्तिक माह में किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी भर जाने के कारण किसानों को रबी की फसल की बोआई में विलंब होने की चिंता सता रही है. किसानों का कहना है कि अब यदि खेतों में बाढ़ का पानी घुसता है, तो खसकर दियारा क्षेत्रों तेलहन-दलहन व गेहूं आदि की फसलों की बुआई में विलंब होगा. इसका असर इन फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा.