भागलपुर में गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिले के कई क्षेत्रों में पानी सड़कों पर चढ़ गया और घरों में घुस गया है. तेजी से फैल रहे पानी की वजह से लोगोंओ को काफी परेशानी का सामना करना पद रहा है.
नाथनगर क्षेत्र के दियारा इलाका में अजमेरीपुर बैरिया, मोहनपुर, दिलदारपुर, शंकरपुर, बिंदटोली आदि में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पानी बढ़ने के साथ ही वहां के लोग पलायन करने को मजबूर हैं.
नाथनगर क्षेत्र में पानी बढ़ने की वजह से लोगों को निकालने के लिए नाव की जरूरत है परंतु अब तक प्रशासन की ओर से सरकारी नाव नहीं चलवाया गया है. लोग निजी नाव से पशुओं का चारा ले जा रहे हैं. साथ ही अन्य काम भी कर रहे हैं. सरकारी नाव नहीं चलने के कारण लोगों को भाड़ा देना पड़ रहा है, जो काफी है.
भागलपुर के बुनकर भी नदी में पानी बढ़ने के बाद अलर्ट हो गये हैं. कई इलाकों में हर बार बाढ़ में बुनकरों का लूम व सूत डूब जाता है, जिससे उनका कारोबार ठप हो जाता है और नुकसान अलग होता है. चंपानगर में करीब 40-50 लूम को बाढ़ के पानी का असर झेलना पड़ता है.
सबौर-जमसी पथ पर ललमटिया पुल से जमसी पुल के बीच लचका पथ पर गंगा के पानी का प्रवाह होने की वजह से रोड पर जगह-जगह दो से तीन फीट तक पानी का जमाव है. इससे आवागमन ठप हो गया है. गंगा का पानी बहियार में ममलखा से लेकर सरधो बहियार तक फैलाव हो गया है.
गंगा के पानी का तेजी से फैलाव होने के कारण अब धीरे-धीरे ऊंचे स्थान पर चढ़ते हुए गांव के मुहाने तक पहुंच रहा है. सबौर क्षेत्र के कई गांव धीरे-धीरे कर बाढ़ के चपेट में आ रहे हैं.
सबौर-जमसी पथ पर आवागमन बंद होने से नजदीकी रेलवे स्टेशन सबौर, बीएयू सहित एनटीपीसी व धोधा से मकान निर्माण को आने बाली सामग्री व हाट बाजार एवं कालेज स्कूल आने जाने लोगों को लंबी दूरी यात्रा कर आना-जाना पड़ रहा है.