नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार विधानसभा में आज होगा क्या कुछ, जानिए डीटेल
सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने विधायकों के साथ बैठक की है. इस दौरान सत्ता पक्ष के नेताओं ने बहुमत साबित करने का दावा किया तो वहीं विपक्ष ने खेला होने की बात कही है. हालांकि, अब से कुछ घंटों बाद जनता के समक्ष पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी.
पटना. बिहार में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में विश्वास मत पेश करेंगे. एनडीए सरकार के गठन के ठीक 15 दिनों बाद सरकार सदन में अपना विश्वास मत पेश करने जा रही है. विश्वास मत के समर्थन में और खिलाफ में विधायक मतदान करेंगे. इसके लिए सभी दलों ने अपने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर रखा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने विधायकों के साथ बैठक की है. इस दौरान सत्ता पक्ष के नेताओं ने बहुमत साबित करने का दावा किया तो वहीं विपक्ष ने खेला होने की बात कही है. हालांकि, अब से कुछ घंटों बाद जनता के समक्ष पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी.
सुबह 11 बजे शुरू होगी सदन की कार्यवाही
विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार से विधानमंडल बजट सत्र भी शुरू हो रहा है. सत्रके पहले दिन 11 बजे विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होगी. फिर अध्यक्ष और सभापति अपना प्रारंभिक संबोधन देंगे. इसके बाद दोनों सदनों के सदस्य सेंट्रल हॉल में जाएंगे, जहां पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर संयुक्त सभा को संबोधित करेंगे. राज्यपाल के अभिभाषण समाप्त होने के बाद दोनों सदनों के सदस्य फिर अपने-अपने सदन में जाएंगे और वहां कार्यवाही शुरू होगी.
विश्वास से पहले आयेगा अविश्वास
इसके बाद विधानसभा में अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा. अध्यक्ष यह देखेंगे कि प्रस्ताव के समर्थन में कितने सदस्यों का समर्थन है. अगर 38 सदस्य या इससे अधिक इस प्रस्ताव का खड़े होकर समर्थन करते हैं, तो इसे स्वीकृत माना जाएगा. प्रस्ताव स्वीकृत होते ही अध्यक्ष आसन से चले जाएंगे. उनकी जगह अब उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी आसन पर बैठेंगे और कार्यवाही आगे बढ़ेगी. अध्यक्ष के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष और विरोध में सदस्यों का मतदान होगा. अगर, अध्यक्ष के खिलाफ बहुमत हुआ तो फिर नये अध्यक्ष के लिए आगे की कार्रवाई शुरू होगी.
नीतीश कुमार पेश करेंगे विश्वास मत का प्रस्ताव
नये अध्यक्ष चुने जाने तक उपाध्यक्ष सदन का संचालन करेंगे. हालांकि, अध्यक्ष अगर अपने पद से स्वयं इस्तीफा देते हैं, तो मतदान की नौबात नहीं आएगी. इसके बाद मुख्यमंत्री विश्वास मत हासिल करने का प्रस्ताव रखेंगे. जो मतदान के बदले ध्वनिमत से पास हो जाने की उम्मीद है. इसके बाद राज्य सरकार आर्थिक सर्वक्षण रिपोर्ट सदन में रखेगी. इसके बाद कोई आवश्यक कार्य होंगे, तो उनका निष्पादन किया जाएगा. फिर शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा.
पार्टी के आधार पर सरकार को पूर्ण बहुमत
बिहार विधानसभा में कुल विधायको की संख्या 243 है. सदन में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है. एनडीए का दावा है कि उसके पास 128 विधायकों का संख्याबल मौजूद है. जिसमें बीजेपी के 78, जद-यू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय सुमित कुमार सिंह शामिल हैं, जबकि कल जद-यू विधायक दल की बैठक में 5 विधायक नहीं आए. वहीं, बीजेपी की बैठक में 2 विधायक नही पहुंचे. एनडीए के 128 में 7 विधायक अगर एनडीए के साथ नहीं रहते है तो संख्या बल 121 तक ही पहुंचता है, जो नीतीश सरकार को संकट में डाल सकता है.