आज रात से पूरे बिहार में कोहरे के आसार, तीन डिग्री तक गिर सकता है तापमान
आइएमडी ने पूरे प्रदेश में घने कोहरे का पूर्वानुमान जारी किया है. पिछले दो दिनों में पूरे बिहार में न्यूनतम तापमान में करीब दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी.
पटना : बिहार में शुक्रवार की रात के तापमान में गिरावट आयेगी. अगले 24 घंटे में तीन डिग्री तापमान नीचे आ सकता है. आइएमडी ने पूरे प्रदेश में घने कोहरे का पूर्वानुमान जारी किया है. गुरुवार को पूरे बिहार में न्यूनतम तापमान में करीब दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी.
बिहार में सामान्य तौर पर एक से 13 जनवरी तक 2. 7 मिलीमीटर बारिश होती रही है. लेकिन, इस साल इस अवधि में अब तक छह मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. प्रदेश के 25 जिलों में तो सामान्य सें कई गुनी अधिक बारिश दर्ज की गयी.
सात जिलों में सामान्य से कम और छह जिलों में नॉर्मल बारिश हुई है. सर्दियों के इस सीजन में सुपौल, शिवहर, सरहसा, पश्चिमी चंपारण, मधेपुरा, कटिहार, दरभंगा और भागलपुर में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गयी.
तापमान में असामान्य उतार-चढ़ाव
बुधवार की रात राज्य के कई हिस्सों में रिकार्ड बारिश के साथ भारी ओला वृष्टि चौंकाने वाली थी. बिहार में इस तरह ओलों का गिरना बिल्कुल असामान्य घटनाक्रम माना गया है़ गुजरात-राजस्थान के मरुक्षेत्र से आ रही सूखी पछुआ और बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त पुरवैया हवा के बिहार में एक-दूसरे से टकराने के कारण आसमान में तापमान की गिरावट प्रति किलोमीटर 12 से 13 डिग्री तक हो गयी़
इसके चलते करीब 6 किलोमीटर ऊपर रहने वाला फ्रीजिंग लेवल(शून्य डिग्री,जहां नमी या पानी बर्फ बन जाते हैं) तीन किलोमीटर नीचे आ गया़ इसका परिणाम हुआ कि कई इलाकों में बड़ी संख्या में ओले गिरे.
सर्दियों के मौसम में आमतौर पर नहीं होता ऐसा
बिहार में सर्दियों के मौसम में यह घटना बिल्कुल असमान्य मानी जा रही है़ बादलों की तड़तड़ाहट भी असमान्य रही़ इससे पहले पिछले साल जून में इससे कुछ अधिक बादल गरजे थे़ तब पटना,वैशाली, छपरा,हाजीपुर आदि जिलों के ऊपर करीब दो घंटे में साठ हजार से अधिक बार मेघ गर्जन के साथ बिजली चमकी थी.
डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ ए सत्तार बेशक बुधवार का मौसमी घटनाक्रम इंटर सीजनल उतार-चढ़ाव का प्रतीक रहा़ बिहार में इस सीजन में इस तरह की ओला वृष्टि नहीं होती है़ कुछ ही घंटों में तापमान में भारी बदलाव हुआ था़ इसमें पुरवैया और पछुआ की टक्कर और नमी की ज्यादा मात्रा ने भी प्रेरक का काम किया़ फिलहाल ओला वृष्टि से नुकसान और बरसात से खेती को फायदा होगा़