बिहार. बिहार के सभी 8387 पंचायतों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है. उद्योग विभाग ने जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगानेवाले उद्यमियों को हर तरह की सहायता देगी. उन्हें सब्सिडी से लेकर कर्ज तक की सुविधा मुहैया कराने का काम सरकार करने जा रही है. इसके लिए उद्यमियों का चयन और उनके प्रोजेक्ट का वेरिफिकेशन जिला उद्योग करेगा. उद्योग विभाग की इस योजना से बड़ी संख्या में युवा उद्यमियों को कुछ करने का मौका मिलेगा. साथ ही पंचायत स्तर पर बेरोजगारों को रोजगार हासिल होगा.
इस संबंध में मीडिया से बात करते हुए उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत सभी पंचायतों में नये उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इससे राज्य में कृषि आधारित उत्पादों का उपयोग खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बड़े पैमाने पर होगा. साथ ही, स्वरोजगार से प्रेरित होकर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने वाला बनाया जा सकेगा. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा मिलने से आसपास के क्षेत्रों में होने वाले पलायन को रोका जा सकेगा.
विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम में पीएम-एफएमई के तहत नये रोजगार शुरू करने के लिए ऋण हेतु आवेदन भी लिए जाएंगे. ताकि, इच्छुक आवेदकों को आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराकर उन्हें नये उद्योग शुरू करने में सहायता की जा सके. साथ ही मौजूदा इकाइयों को भी अपग्रेड करने के लिए अधिकतम 10 लाख रुपए प्रति यूनिट के साथ पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ प्राप्त सकते हैं. इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार उन सभी लोगों की आर्थिक सहायता करेगी, जो लोग खाद्य उद्योग में अपना कोई नया काम शुरू करना चाहेंगे.