मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में बारिश के कारण फसलों की क्षति और परती रह गये खेत को लेकर 1002 करोड़ कृषि इनपुट सब्सिडी को मंजूरी दी गयी. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य में आनेवाली बाढ़ का आकलन सभी डीएम द्वारा किया गया था. प्रभारी मंत्रियों ने भी इसका आकलन किया. कृषि विभाग के आकलन के अनुसार इस साल बाढ़ व अत्यधिक बारिश से कुल 663776.28 हेक्टेयर में फसलों का नुकसान हुआ है.
इसके लिए 902.08 करोड़ के अनुदान की स्वीकृति दी गयी. आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि राज्य में पहली बार परती रह गये खेत को लेकर अनुदान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अति बारिश व जलजमाव होने के कारण एक लाख 41 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती नहीं हो सकी. इसको लेकर कैबिनेट ने 100 करोड़ के अनुदान की मंजूरी दी.
किसानों को करना होगा ऑनलाइन आवेदन
इसके अलावा राज्य के 14.5 लाख परिवारों को छह हजार प्रति परिवार की दर से जीआर अनुदान दिया जा चुका है. इस मद में अब तक 1870 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि फसल सहायता को लेकर किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसकी प्रक्रिया निर्धारित कर दी गयी है. आवेदन मिलने के बाद यह राशि किसानों के खाते में सीधे भेज दी जायेगी. अनुदान की राशि का वितरण कृषि विभाग करेगा.
कोरोना से मृतकों के आश्रितों को ~50-50 हजार और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने बताया कि कोरोना से मरनेवालों के आश्रितों को राज्य सरकार ने चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय लिया है. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद और केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के आलोक में राज्य आपदा रिस्पांस कोष मद से 50-50 हजार रुपये और देने की मंजूर दी गयी.
उन्होंने बताया कि ऐसे आठ हजार परिवारों को चार-चार लाख का भुगतान हो चुका है. शेष 1500 परिवारों को मुआवजा दिया जाना है. उन्होंने बताया कि जिन परिवारों को राशि दी जा चुकी है, उनको जल्द ही 50-50 हजार रुपये का भुगतान कर दिया जायेगा. डीएम को राशि भेज दी गयी है. इस मद में 2021-22 के लिए 50 करोड़ की मंजूरी दी गयी है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha