बिहार में पहली बार साइलोज में होगा गेहूं और चावल का भंडारण, पायलट प्रोजेक्ट के तहत यहां बनेगा भंडार
राज्यसभा में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भंडारण में खाद्यान्नों की बर्बादी को रोकने से संबंधित पायलट प्रोजेक्ट बिहार में शुरू किया गया है.
पटना. राज्यसभा में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भंडारण में खाद्यान्नों की बर्बादी को रोकने से संबंधित पायलट प्रोजेक्ट बिहार में शुरू किया गया है.
इसके तहत कैमूर के मोहनिया और बक्सर के इटाढ़ी में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में एक लाख टन क्षमता के साइलोज (स्टील के बड़े भंडारण टैंक) का निर्माण कराया जा रहा है. इस पर 65 करोड़ 28 लाख रुपये की लागत आयेगी.
केंद्रीय मंत्री सांसद सुशील कुमार मोदी के सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि दोनों स्थानों पर 50 हजार टन क्षमता के साइलोज का निर्माण किया जा रहा है. इनमें गेहूं के लिए 37 हजार 500 टन और चावल के लिए 12 हजार 500 टन का भंडारण होगा.
गेहूं के भंडारण के लिए साइलोज का इस्तेमाल देश में पहले से हो रहा है, लेकिन चावल भंडारण के लिए पहली बार कैमूर और बक्सर में साइलोज का निर्माण किया जा रहा है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो पूरे देश में 15 लाख 10 हजार टन क्षमता के साइलोज का निर्माण कराया जायेगा.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम ने 2019-20 में भूमि की लागत मद में प्रति इकाई 19 करोड़ 14 लाख रुपये खर्च करके भूमि अधिग्रहण किया है.
बकाया वेतन के भुगतान का आदेश
सरकार ने मदरसों में कार्यरत विज्ञान शिक्षकों के 2014 से 2019 तक के बकाया वेतन का भुगतान का आदेश दे दिया है. सभी मदरसों को इसकी सूचना मिल जाये, इसके लिए विज्ञापन भी प्रकाशित कराया है.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधान परिषद में यह जानकारी दी. डॉ संजीव कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संबंधित जिलाें के डीइओ को शिक्षकों की उपस्थिति प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
Posted by Ashish Jha