पटना. जब हम ‘बोर’ होते हैं तो डूमस्क्रॉल करना और सोशल मीडिया ऐप्स के बीच टहलना आजकल आम बात हो गई है. परिणामस्वरूप, प्रभावशाली व्यक्ति या ‘डिजिटल सितारे’ हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं. एक दोस्त ने एक खास ब्रांड का बैग खरीदा क्योंकि डाइट सब्या ने इसके बारे में पोस्ट किया था. एक गैजेट खरीदने लायक लगता है, क्योंकि टेकबर्नर उर्फ श्लोक श्रीवास्तव ने इसकी अनुशंसा की थी. यहां तक कि आजकल हमारा किसी गंतव्य यात्रा कार्यक्रम भी आकांक्षा मोंगा या शरण्या अय्यर जैसे किसी व्यक्ति द्वारा सुझाए गए सुझाव पर आधारित होने लगा है. इंटरनेट पर जन्मे, ये डिजिटल सितारे मनोरंजन करते हैं, शिक्षित करते हैं, सूचित करते हैं और इस प्रक्रिया में हमारे दैनिक विकल्पों को ‘प्रभावित’ करते हैं.
भारत के शीर्ष 100 डिजिटल सितारों की सूची जारी
‘भारत के शीर्ष 100 डिजिटल सितारों’ की सूची के साथ, फोर्ब्स इंडिया गोट-ग्रुपएम के ब्रांड-सुरक्षित प्रभावशाली और सामग्री विपणन समाधान के साथ-साथ मात्रात्मक और गुणात्मक उपायों को ध्यान में रखते हुए 100 रचनाकारों के काम को इस सूची में जगह दी है. दूसरा संस्करण नौ श्रेणियों में फैला है, जिनमें कॉमेडी, सौंदर्य, फैशन और जीवनशैली, व्यवसाय और वित्त, स्वास्थ्य और फिटनेस, भोजन, तकनीक, यात्रा और फोटोग्राफी, और सामाजिक कार्य शामिल है.
सूची में अभिनव इकलौते बिहार
फोर्ब्स पत्रिका ने भारत के 100 डिजिटल स्टार्स की लिस्ट जारी की है. सीतामढ़ी के रहने वाले अभिनव रंजन का नाम फोर्ब्स की भारत के 100 डिजिटल स्टार्स की लिस्ट में शामिल किया है. अभिनव रंजन इस सूची में इकतौते बिहारी हैं. उन्हें 57वां रैंक मिला है. वह अभी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री से जुड़ कर कंटेंट बना रहे हैं. जब वे 15 साल के थे तब उन्होंने गिन-चुने फॉलोवर्स के सात टेक्निकल कंटेंट पर वीडियो बनाना शुरू किया था. उस वक्त उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि वे कभी इस लिस्ट में शामिल हो पायेंगे.
ऐसे शुरू किया काम
वे बताते हैं कि शुरुआत में वे विदेशों के कंटेंट क्रिएटर की वीडियो देखा करते थे, जिसमें कैसे किसी प्रोडक्ट का रिव्यू करते हैं, इसके बारे में बताया जाता था. फिर उन्होंने इसी तर्ज पर अपनी सरल भाषा में टेक्नोलॉजी से जुड़े कंटेंट तैयार करने लगे, जिसे लोग आसानी से समझ सकें. यूट्यूब के बाद उन्होंने अपना कंटेंट इंस्टाग्राम पर शिफ्ट किया, जिससे मास ऑडियंस को वह टारगेट कर सके.
इंस्टाग्राम पेज पर हैं वन मिलियन फॉलोवर्स
अभी उनके इंस्टाग्राम पेज पर वन मिलियन फॉलोवर्स हैं. इसी आधार पर इनका चयन किया गया है. वे आगे बताते हैं कि पढ़ाई पूरी करने के बाद जब उन्होंने नौकरी की जगह कंटेंट क्रिएटर बनने की बात घरवालों से की, तो वे नाराज हो गये थे. फिर धीरे-धीरे तब इंस्टाग्राम पर फॉलोवर्स बढ़ने लगे, तो उनका नजरिया भी बदला. अब उनकी इस उपलब्धि से सभी खुश हैं. उनका सपना है कि वह बिहार में एक कंपनी खोलें, जिससे कंटेंट क्रिएशन का काम युवाओं तक पहुंचाया जा सके.
इन प्रभावशाली लोगों का बढ़ रहा बाजार
जारी सूची के संदर्भ में फोब्स पत्रिका का कहना है कि हम जानते थे, इसने मार्केटिंग का चेहरा बदल दिया है. बड़े ब्रांड से लेकर स्टार्टअप तक कई ब्रांडों को प्रभावशाली मार्केटिंग को जनता तक पहुंचाने के लिए अपने बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शामिल करने की आवश्यकता है. स्टेटिस्टा के अनुसार, 2022 तक, भारत में प्रभावशाली लोगों के माध्यम से विपनन उद्योग का मूल्य 1,200 करोड़ रुपये से अधिक था. इस उद्योग के 2026 तक 25 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़कर 2,800 करोड़ रुपये के करीब पहुंचने की उम्मीद है.
ग्राहक भी हो रहे हैं लगातार जागरूक
दूसरी ओर, ग्राहक भी लगातार जागरूक हो रहे हैं, जिससे सामग्री निर्माताओं के लिए यह अनुमान लगाना और भी कठिन हो गया है कि क्या काम करेगा और क्या नहीं. इन डिजिटल रचनाकारों को ऐसी सामग्री तैयार करने की ज़रूरत है, जो जनता तक ‘पहुंचने’ के लिए पर्याप्त ‘आकर्षक’ हो. जहां कई रचनाकार अच्छा कार्य कर रहे हैं, वहीं कई ऐसे भी हैं जो अपने पद का दुरुपयोग करने के लिए जाने जाते हैं. भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) जैसी संस्थाओं ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के प्रयास में प्रभावशाली लोगों और ब्रांडों के लिए सख्त दिशा-निर्देश बनाए हैं.