Bihar: अफ्रीका से इस दुर्लभ बीमारी का ऑपरेशन कराने भागलपुर पहुंचा विदेशी मरीज, 75 प्रतिशत तक खर्च बचा
Bhagalpur news: अफ्रीका के गांबिया के रहनेवाले लेमिन टोरे के क्लबफुट का सफल इलाज भागलपुर के तातारपुर स्थित डॉ. इम्तियाज उर रहमान के नर्सिंग होम में हुआ. मरीज ने बताया कि यहां आकर इलाज करने में 75 प्रतिशत तक खर्च बच गया और सुविधा भी बेहतर मिली.
दीपक राव, भागलपुर: अफ्रीका के गांबिया के रहनेवाले लेमिन टोरे के क्लबफुट का सफल इलाज भागलपुर के तातारपुर स्थित डॉ इम्तियाज उर रहमान के नर्सिंग होम में हुआ. लंदन की नर्स बहन ने यू-ट्यूब पर देखकर भाई को इलाज के बारे में बताया. फिर डॉक्टर से संपर्क कर यहां इलाज कराया गया. मरीज ने बताया कि यहां आकर इलाज करने में 75 प्रतिशत तक खर्च बच गया और सुविधा भी बेहतर मिली.
यू-ट्यूब पर लंदन में कार्यरत नर्स बहन ने देखी थी केस स्टडी
यू-टयूब पर लंदन के एक हॉस्पिटल में कार्यरत नर्स बहन अजकरी ने डॉ इम्तियाज उर रहमान की ओर से इलाज का तरीका व क्लब फुट के सफल इलाज को देखा. अफ्रीका व अन्य स्थानों से बहुत अधिक रियायत दर पर सफलतापूर्वक इलाज संतोषजनक लगा. इसके बाद डॉ रहमान से ऑनलाइन संपर्क किया गया. इस दौरान अफ्रीका के दूतावास ने भी डॉ रहमान से संपर्क किया. फिर मरीज अपने भाई के साथ लंदन से दिल्ली पहुंचे. फिर दिल्ली से हवाई मार्ग से देवघर. देवघर से नर्सिंग होम की ओर से मरीज को यहां तक आने की सुविधा दी गयी. दरअसल यह भागलपुर के लिए गौरव की बात है कि विदेश से लोग यहां इलाज कराने पहुंच रहे हैं.
तीन नवंबर को लेमिन टोरे को कराया गया भर्ती
लेमिन टोरे के साथ आये अशु टोरे ने बताया कि अफ्रीका व तुर्की में क्लब फुट बीमारी का इलाज नहीं हो पाया था. पड़ोसी देश में इलाज की जानकारी ली, तो यहां 12 से 13 लाख रुपये तक खर्च आ रहा था, जबकि यहां एक लाख रुपये के अंदर ही पूरा इलाज हो गया. यहां 25 फीसदी में सब खर्च पूरा हो गया. भागलपुर तीन नवंबर को पहुंचे और भाई लेमिन को भर्ती कराया. यहां की व्यवस्था अच्छी है. लेमिन 21 साल का है, जो कि अभी 10वीं में पढ़ता है.
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क्या है क्लब फुट ?
डॉ इम्तियाज उर रहमान ने बताया कि क्लब फुट पैदाइशी मुड़ी हुई पैर की बीमारी है. इसमें पंजा मुड़ा होता है. इसे सीधा करने की तकनीक बेहतर है. इसे यू-ट्यूब पर डाला गया. उनके यू-ट्यूब पर तीन लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं.
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पहले भी सोमालिया, तुर्की के मरीज करा चुके हैं इलाज
डॉ. रहमान ने बताया कि उनके यहां पहले भी सोमालिया के अब्दुल्लाह हसन, तुर्की के गोलेद अब्दुल्लाह, फहद अब्दुल्लाह ने इसी रोग का इलाज कराया है. इसके अलावा कमर मोहेर, बिलावल मोहम्मद आदि संपर्क कर रहे हैं.