BAU भागलपुर में जल्द शुरू होगी वानिकी की पढ़ाई, कृषि मंत्री बोले- ‘पढ़ा लिखा युवक ही कर पाएगा खेती’
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Bihar Agricultural University) ने कहा कि वर्तमान में मोटे अनाजों के लिए यूरोप भारत की ओर देख रहा है. उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब के बाद सबसे अधिक रासायनिक खाद का उपयोग बिहार के किसान कर रहे हैं.
भागलपुर: बीएयू में शीघ्र ही वानिकी की पढ़ाई शुरू की जायेगी. वर्तमान में वनों की जरूरत है. आज समय बदल गया है, अब खेती का कार्य ड्रोन के माध्यम से भी होगा. ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक दवा सहित अन्य कार्य आसानी से हो सकता है. इस पर पर विचार चल रहा है. शिक्षित व प्रशिक्षित होना अनिवार्य है, पढ़ा-लिखा तेज तर्रार युवक ही खेती कर पायेगा. उक्त बातें राज्य के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कही. वे शुक्रवार को सबौर में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के 13वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि थे.
‘आगे बढ़ रहा है विश्वविद्यालय’
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण अनुसंधान के दृष्टिकोण से यह विश्वविद्यालय आगे बढ़ रहा है. इस विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के 12 वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. यहां के वैज्ञानिकों ने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर 29 नये प्रभेदों को विकसित कर किसानों को बड़ा सौगात दिया है.
‘विकास के कार्यों में धन की नहीं होगी कमी’
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि वे किसानों के हित में लगातार बेहतर काम कर रहे इस विश्वविद्यालय को विकास के कार्यों में धन की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज बाजरा, मडुवा, रागी जैसे मोटे अनाजों की खेती करते थे. उसे पोषण में शामिल कर 100 वर्ष तक जीवित रहते थे. आज हम रासायनिक खादों के साथ गेहूं व धान की खेती कर बीमार पड़ रहे हैं.
‘मोटे अनाजों के लिए यूरोप भारत की ओर देख रहा’
अमरेंद्र प्रताप सिंह ने आगे कहा कि मोटे अनाजों के लिए यूरोप भारत की ओर देख रहा है. उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब के बाद सबसे अधिक रासायनिक खाद का उपयोग बिहार के किसान कर रहे हैं. इसे हमें कम करना होगा. इस दिशा में बीएयू बेहतर काम कर रहा है. कृषि मंत्री ने कहा कि अब खेती पढ़े लिखे लोगों की हो गयी है. वहीं खेती को लाभकारी बना सकते हैं, जिनके पास ज्ञान है. हमारी सरकार किसानों को 90 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दे रही है.