बेतिया में सीओ सूरजकांत पर हुई प्रपत्र क की कार्रवाई, कार्य में लापरवाही-शिथिलता और कोताही बरतने का आरोप
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा समय-समय पर ऑनलाइन जमाबंदी का प्रिंट लेकर मूल जमाबंदी से मिलान कर परिमार्जन के लिए दिशा-निर्देश निर्गत किया जाता रहा है. किन्तु बेतिया अंचल में इस प्रकार की कार्रवाई का कोई भी साक्ष्य नहीं मिला.
बिहार के बेतिया में कार्य में लापरवाही, शिथिलता एवं कोताही बरतने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने बेतिया के प्रभारी अंचलाधिकारी सूरजकांत पर प्रपत्र क की कार्रवाई आंरभ करवायी है. वहीं एक अन्य मामले में चनपटिया में पूर्व में पदस्थापित योगापट्टी के राजस्व कर्मचारी बलिराम पांडेय के दो वेतनवृद्धि पर रोक का आदेश दिया है. जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि विगत 27 अप्रैल को अंचल कार्यालय, बेतिया का औचक निरीक्षण किया गया था. निरीक्षण के दौरान कागजातों की रख-रखाव में कई खामियां पायी गयी थी. राजस्व शाखा द्वारा तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की गई. परंतु लंबी अवधि के बावजूद भी सीओ द्वारा स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किया गया.
राजस्व कर्मचारी बलिराम पांडेय की दो वेतनवृद्धि पर लगायी रोक
स्पष्टीकरण समर्पित नहीं करना उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना स्वेच्छाचारिता परिलक्षित करता है. वहीं निरीक्षण के क्रम में दाखिल-खारिज के मामले लंबित पाये गये थे. इसी प्रकार अंचल अधिकारी, बेतिया के लॉगिन पर आपत्ति सहित एवं आपति रहित तथा अंचल स्तर पर अधिक संख्या में मामले लंबित पाये गये. निरीक्षण के दौरान 35 कार्य दिवस के अंतर्गत निष्पादित मामलों की संख्या काफी कम पायी गयी एवं निष्पादन का प्रतिशत भी कम पाया गया. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा समय-समय पर ऑनलाइन जमाबंदी का प्रिंट लेकर मूल जमाबंदी से मिलान कर परिमार्जन के लिए दिशा-निर्देश निर्गत किया जाता रहा है. किन्तु बेतिया अंचल में इस प्रकार की कार्रवाई का कोई भी साक्ष्य नहीं मिला.
अंचला अधिकारी स्तर से मामलों को रखा गया लंबित
लंबित मामलों में राजस्व कर्मचारी के द्वारा अपना प्रतिवेदन समर्पित कर दिया गया है. निरीक्षण में यह स्पष्ट हुआ कि अंचल अधिकारी स्तर से मामलों को लंबित रखा गया था. उसी प्रकार बिहार लोक भूमि अतिक्रमण अधिनियम 1956 की धारा-6 के तहत विभिन्न मामलों में आदेश पारित होने के लंबे समय के बाद अतिक्रमण मुक्ति की कार्रवाई की गयी. उक्त अधिनियम के तहत अतिक्रमण हटाने की अवधि 90 दिन अंकित है, किन्तु निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि सभी मामलों में एक वर्ष से अधिक की अवधि व्यतीत किया गया है, जो उक्त अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है.
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अंचला अधिकारी से मांगा गया स्पष्टीकरण
इसी प्रकार भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गमन के मामले लंबित रखना, बेदखली के मामलों का सही ढंग से अनुश्रवण नहीं किया जाना आदि पाया गया. इसे गंभीरता से लेते हुए सर्वप्रथम अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की गयी. लेकिन उनके द्वारा स्पष्टीकरण का कोई जबाब नही दिया गया. अंततः उनके विरुद्ध प्रपत्र-क गठित करने का निर्देश दिया गया. निर्देश के आलोक में प्रपत्र-क में आरोप गठित करते हुए अग्रतर कार्रवाई के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार को भेजा गया है.
राजस्व कर्मचारी की वेतनवृद्धि पर लगी रोक
योगापट्टी में पदस्थापित राजस्व कर्मचारी बलिराम पाण्डेय के विरुद्ध चल रही विभागीय कार्रवाई मामले में अंतिम आदेश पारित करते हुए उनके दो वेतन वृद्धि पर रोक लगायी गयी है. यह कार्रवाई चनपटिया अंचल कार्यालय में प्राप्त अनियमितता, लापरवाही एवं कार्य के प्रति उदासीनता के मामले में चल रहे विभागीय कार्रवाई में बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2022 (समय-समय पर यथा संशोधित) के नियम-14 के अंतर्गत की गयी है.