जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार को तीन वर्षों की सजा, सीएम नीतीश कुमार के प्रति दिया था आपत्तिजनक बयान
व्यवहार न्यायालय के एमएलएएमपी कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरके रजक ने जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार को मुख्यमंत्री का सीना तोड़ने के बयान पर तीन साल की सजा सुनायी है. हालांकि, कोर्ट ने पांच हजार रुपये के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी है. पूर्व सांसद इस मौके पर कोर्ट में मौजूद थे.
जहानाबाद. व्यवहार न्यायालय के एमएलएएमपी कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरके रजक ने जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार को मुख्यमंत्री का सीना तोड़ने के बयान पर तीन साल की सजा सुनायी है. हालांकि, कोर्ट ने पांच हजार रुपये के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी है. पूर्व सांसद इस मौके पर कोर्ट में मौजूद थे.
2015 में परिवार पत्र दायर किया था
इस बयान के खिलाफ व्यवहार न्यायालय में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व सीनेट सदस्य एवं शिक्षाविद प्रो डॉ चंद्रिका प्रसाद यादव ने 2015 में परिवार पत्र दायर किया था. इसमें पूर्व सांसद अरुण कुमार के बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सीना तोड़ देने के बयान का हवाला देते हुए परिवाद पत्र दायर किया गया था.
353 के अंतर्गत तीन साल की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया
न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद पूर्व सांसद अरुण कुमार को दोषी करार देते हुए 353 के अंतर्गत तीन साल की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया. वहीं 505 के अंतर्गत तीन साल की सजा सुनायी गयी. इधर, पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा कि न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. वे हमेशा भ्रष्टाचारियों, दलालों के खिलाफ बोलते रहे हैं. यही कारण है कि उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया.
लालू पर आपत्तिजनक बयान देने में पप्पू बरी
लालू प्रसाद के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के मामले में मधेपुरा के पूर्व सांसद जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को कोर्ट ने बरी करदिया है. इस मामले में भी प्रो डॉ चंद्रिका प्रसाद यादव ने 2015 में परिवारपत्र दायरकिया था. जाप सुप्रीमो पप्पू यादव कोर्ट में सदेह उपस्थित हुए. इसके बाद व्यवहार न्यायालय के एमएलए-एमपी कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरके रजक ने उन्हें बरी कर दिया.