Bihar News: जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और वाम नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) लंबे अंतराल के बाद किसी कार्यक्रम में दिखे. उन्होंने गुरुवार को कृषि कानूनों (Farmers Laws) के खिलाफ बिहार के पूर्णिया से किसान आंदोलन का बिगुल फूंका. बिहार की पहली किसान महापंचायत ( kisan mahapanchayat) में कन्हैया ने बड़ा ऐलान किया, कहा कि आगामी 14 फरवरी को पूरे सूबे में इस काले कानून के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला जायेगा.
उन्होंने कहा कि सीमांचल की धरती से बिहार में किसान आंदोलन का आगाज हुआ है. कन्हैया ने किसान आंदोलन के बहाने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा है कि यह सरकार किसान विरोधी और पूंजीपतियों की सरकार है. वो गुरुवार को पूर्णिया इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित बिहार की पहली किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर गलत आरोप लगाया जा रहा है. किसानों को कोई भड़का नहीं रहा है. वे खुद अपने हितों के लिए डटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि वे खुद किसान का बेटा हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. किसी भी फसल की खरीदारी एमएसपी पर नहीं होती है.
कन्हैया ने कहा कि यह कृषि कानून बिल सिर्फ किसानों की लड़ाई नहीं है बल्कि यह आम अवाम के हक की लड़ाई है. आज सरकार के खिलाफ आंदोलन होता है तो वो सब आतंकवादी हो जाते हैं. उन्होने सवालिया लहजे में कहा कि क्या सरकार के खिलाफ आंदोलन करना आंतकवादी है. यह सरकार देश को तोड़ना चाहती है. इस सरकार में गरीब और गरीब होते जा रहा है और अमीर और अमीर होते जा रहा है. जब हमलोग सरकार को टैक्स अदा करते हैं तो बुनियादी सुविधा भी सरकार को देने की जरूरत है.
कहा कि मोदी सरकार देश का चौकीदार नहीं है बल्कि पूंजीपतियों का चौकीदार है. केंद्र सरकार रेलवे, बीएसएनएल, हवाई अड्डा, मजदूर, किसान को लूट रही है. उन्होंने कहा कि यह सरकार किसान मंडियों को तोड़ना चाहती है. इस तीन कानूनों से किसान को कोई फायदा नहीं होने वाला है बल्कि उन्हें हर फसल पर घाटा ही घाटा होगा. इसलिए सरकार को यह काला कानून वापस लेना होगा. इसके लिए एकजुट होने की जरूरत है.
Posted By: utpal kant