पटना. पूर्व सांसद डॉ मोनाजिर हसन ने रविवार को जद(यू) की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जदयू से इस्तीफा देने की की सूचना उन्होंने मुख्यमंत्री नितीश कुमार एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनता दल (यू) को दे दी है. हसन ने कहा कि जदयू अपने मूल सिद्धांतों से भटक गयी है और ऐसा लगता है कि अब पार्टी को हमारे जैसे लोगों की कोई जरुरत नहीं. चंद स्वार्थी लोग पार्टी को दीमक की तरह चाट रहे हैं. उन्होंने कहा कि महागठबंध के किसी दल में मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं बच गयी है. उसे न तो मंच पर जगह दी जा रही है और न ही सरकार, संगठन में हिस्सेदारी दी जा रही है. अगर कोई हिस्सेदारी दी भी गयी है तो वो भी पैसों के लेन-देन से ही संभव हो पाया है.
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को आज सबसे अधिक नुकसान धर्मनिरपेक्ष दलों से ही पहुंचा है. इनका काम सिर्फ भाजपा से डराना रह गया है. डर की राजनीति से मुस्लमान को बाहर निकलना होगा. लोकसभा, विधानसभा चुनाव में समुचित हिस्सेदारी नहीं दी जा रही है. आज महागठबंधन में बड़े बड़े मुस्लिम नेता हाशिये पर डाल दिये गये हैं. माय समीकरण सिर्फ कहने भर ही है सच तो ये है कि मुसलमानों को महागठबंधन में सम्मान नहीं मिल रहा है, जैसे इफ्तार पार्टी में मुस्लिम नेताओं को फ्रंट में जगह तक नहीं दी गयी, लगभग 18 प्रतिशत आबादी का सिर्फ इन्हें वोट चाहिए मुस्लिम नेता नहीं.
हसन ने कहा कि लालू-नीतीश दोनों मिलकर मुसलमानों को बेवकूफ बनाने का काम किया गया है. मुस्लिम संगठन ठप पड़े हैं, अल्पसंख्यक आयोग बिहार, उर्दू अकादमी, उर्दू परामर्शदात्री समिति, मदरसा एजुकेशन बोर्ड वर्षों से रिक्त है. उर्दू और मुस्लिम समाज के विकास से जुड़े संस्थानों में चेयरमैन की नियुक्ति नहीं हो रही है, वहीं मुसलमानों की हमदर्द सरकार है? मोनाजिर ने कहा कि बिहार शरीफ में दंगाइयों के द्वारा ऐतिहासिक मदरसा अजीजिया को जला दिया गया, लेकिन आज की तारीख तक जायजा लेने नीतीश-तेजस्वी वहां नहीं पहुंच पाए. प्रभावित लोगों को मुवावजा तो दूर की बात है जिनकी दुकाने जली, रोजी रोजगार छीने गये उन्हें सरकार ने अभी तक एक धेला तक नहीं दिया.
भविष्य की राजनीति में वे कहां जाएंगे के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार एवं देशहित में बहुत जल्द ही मैं अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श कर कोई ठोस निर्णय लूंगा और समर्थको की जो राय होगी वही मुझे स्वीकार होगा. मोनाजिर का जदयू छोड़ना जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. वे मुंगेर से सांसद हैं और वहीं से मोनाजिर आते हैं. ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले ललन सिंह को अपने संसदीय क्षेत्र में एक बड़ा नेता खोना पड़ा है. मोनाजिर एक बार बेगूसराय लोकसभा से सांसद एवं चार बार मुंगेर विधानसभा से विधायक निर्वाचित होने के साथ के दो-दो बार मंत्री (बिहार सरकार) भी रहे हैं.