जेपी नड्डा की टीम में शामिल हुए पूर्व सांसद आरके सिन्हा के पुत्र, जानिये ऋतुराज सिन्हा को क्या मिली जिम्मेदारी

भाजपा के पूर्व सांसद आरके सिन्हा के पुत्र ऋतुराज सिन्हा को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम में जगह मिली है. पार्टी ने बिहार के इस युवा चेहरे को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऋतुराज सिन्हा को पार्टी में राष्ट्रीय मंत्री के तौर पर नियुक्त किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2021 8:09 PM
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पटना. भाजपा के पूर्व सांसद आरके सिन्हा के पुत्र ऋतुराज सिन्हा को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम में जगह मिली है. पार्टी ने बिहार के इस युवा चेहरे को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऋतुराज सिन्हा को पार्टी में राष्ट्रीय मंत्री के तौर पर नियुक्त किया है.

ऋतुराज बिहार के एक सफल उद्यमी हैं. ऐसे में अगर उनको बिहार का ग्लोबल बिहारी कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं मानी जाएगी. युवा उद्यमी के साथ-साथ ऋतुराज ने बड़े पैमाने पर बिहार के लोगों को रोजगार मुहैया कराने का भी काम किया है. सरकारी सेक्टर को अगर छोड़ दिया जाए तो निजी क्षेत्र में ऋतुराज बिहार में सबसे ज्यादा नौकरियां उपलब्ध कराने का रिकॉर्ड भी खुद के नाम रखते हैं.

ऋतुराज सिन्हा को कई बार सरकारी दायित्व भी मिलता रहा है और दायित्व भी ऐसे क्षेत्रों में मिला है जिसे कई मामलों में बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील माना जाता है. हाल के दिनों में ही ऋतुराज सिन्हा को नेशनल कैडेट कोर के पुनर्गठन और आधुनिकीकरण के लिए काम करने वाली कोर कमेटी का सदस्य बनाया गया है. इस दौरान ऋतुराज ने एनसीसी के लिए कई सारी ऐसी योजनाओं पर काम करना शुरू किया जिससे उन्हें चारों तरफ सराहा जाने लगा.

ऋतुराज सिन्हा 2005 से राजनीति में सक्रिय हैं. 2014 में वे लोकसभा चुनाव में फ्रंट लाइन पर काम करते दिखे. 2014 के लोकसभा चुनाव में उनको कैंपेन कमेटी में बड़ी भूमिका दी गयी थी. जबकि, साल 2015 में अमित शाह ने सिन्हा को प्रचार अभियान समिति के सदस्य के तौर पर दायित्व सौंपा, जो अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरा पद था.

2017 से 2020 के बीच ऋतुराज नित्यानंद राय की प्रदेश कमेटी में बतौर प्रदेश पदाधिकारी भी काम कर चुके हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें राष्ट्रीय दायित्व दिया गया. 2019 के लोकसभा चुनाव में वे नेशनल कैंपेन कमेटी के सदस्य बनाये गये. इस कमेटी में 8 सदस्य थे, जिसका नेतृत्व तब अरुण जेटली कर रहे थे. इस दौरान ऋतुराज ने भी अपनी काबिलियत साबित की और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के करीबी बन गए.

2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान ऋतुराज सिन्हा भाजपा के मेनिफेस्टो आत्मनिर्भर बिहार के सूत्रधार के तौर पर सामने आये और उन्होंने मेनिफेस्टो में कई सारी ऐसी चीजों को शामिल करवाया जिससे भाजपा को आम लोगों से कनेक्ट करने में बड़ी मदद मिली. इसका नतीजा भी निकल कर आया और भाजपा ने बड़ी जीत विधानसभा चुनाव में हासिल की.

पिछले दिनों ही ऋतुराज के पिता आरके सिन्हा तब चर्चा में आये थे जब वो राबड़ी आवास जाकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की थी. कहा जाता है कि श्री सिन्हा पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज थे. ऐसे में पार्टी की ओर से ऋतुराज को बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला उनकी नाराजगी को कम करेगा.

Posted by Ashish Jha

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