Loading election data...

गंगा के पावन तट किनारे बसा मुंगेर और निश्चल अटल, लोगों की नजर में वाजपेयी जी- नेता नहीं, विराट व्यक्तित्व

Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: गंगा नदी के पावन तट पर बसे बिहार के ऐतिहासिक शहर मुंगेर से भूतपूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का लगाव बेहद खास रहा. प्रधानमंत्री बनने के बाद अटल जी ने मुंगेर को खास सौगात दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2020 6:44 AM

Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: गंगा नदी के पावन तट पर बसे बिहार के ऐतिहासिक शहर मुंगेर से भूतपूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का लगाव बेहद खास रहा. प्रधानमंत्री बनने के बाद अटल जी ने मुंगेर को खास सौगात दी. ऐसी सौगात जो अटल जी जैसी शख्सियत ही देने की क्षमता रख सकता था. आज उनकी जयंती है तो बरबस बिहार के मुंगेर से उनके रिश्ते की गर्माहट महसूस होने लगी है. मौत की उम्र क्या है? दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज, कल की नहीं… इन लाइन्स को लिखने वाले भूतपूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जा रही है. इस दिन को अटल जयंती के नाम से भी जाना जाता है.

Also Read: अद्भुत अटल: जब बिहार में वाजपेयी जी ने कहा- माला पहना रहे, फोटो भी ले रहे, आप कमाल हैं…
वाजपेयी जी का मुंगेर से खास रिश्ता

वाजपेयी जी के मुंगेर से रिश्ते का जिक्र करते ही 1965 और 1972 में उनकी मुंगेर यात्रा की याद आती है. मुंगेर में गंगा नदी पर बना पुल उन्हीं की देन है. मुंगेर के लोग आज भी उनको याद करके भावुक हो जाते हैं. मुंगेर के लोगों के मुताबिक वाजपेयी जी नेता नहीं मुकम्मल व्यक्तित्व थे. उनके जीवन का हर पल देश सेवा में समर्पित रहा. उनके समय में बीजेपी से जुड़े कई लोगों ने वाजपेयी जी को यादों में संजोकर रखा है. उनके साथ काम कर चुके कई लोगों के मुताबिक वाजपेयी जी का व्यक्तित्व विराट था. वाजपेयी जी से क्षण भर की मुलाकात किसी के भी जेहन में ताउम्र के लिए बस जाती थी.

Also Read: Atal Bihari Vajpayee : जब संसद में अटल जी ने कहा था- हम संख्याबल के सामने सिर झुकाते हैं, देखें उनका यह यादगार भाषण…
मुंगेर के लोगों को वाजपेयी जी पर गर्व       

वाजपेयी जी जब भी मुंगेर आते पुराने परिचित लोगों से मुलाकात करने से नहीं चूकते थे. वो ज्यादा मौके पर मुंगेर नहीं आए. लेकिन, जब भी उनका मुंगेर की पावन धरती पर आगमन हुआ वो यहीं के होकर रह गए. आज भी उनकी कमी यहां के लोग महसूस करते हैं. आज भी उन्हें याद करके लोगों की आंखें नम हो जाती हैं. उनसे मुलाकात कर चुके लोगों को खुशी होती है कि उन्होंने वाजपेयी जी के साथ कुछ वक्त गुजारे थे. मुंगेर के लोगों के मुताबिक वाजपेयी जी जैसा शख्स सदियों में एकाध ही होता है.

Posted : Abhishek.

Next Article

Exit mobile version