Bihar News: गया के पूर्व एसएसपी और 2011 बैच के आइपीएस अधिकारी आदित्य कुमार से मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने करीब आठ घंटे पूछताछ की. इस दौरान इओयू की टीम ने कई सवाल दागे, पर आदित्य अपने ऊपर लगे हर आरोपों से इंकार करते रहे. इओयू के अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान आदित्य से उनका पुराना मोबाइल फोन मांगा. इस पर आदित्य ने कहा कि मोबाइल फोन कहीं गुम हो गया है. उन्होंने अभिषेक अग्रवाल से दोस्ती की बात खारिज करते हुए कहा कि उससे सामान्य जान-पहचान थी.
आदित्य ने तत्कालीन डीजीपी को पैरवी वाला फोन कराने के सवाल पर कहा कि मैंने ऐसा नहीं किया. इससे मुझे कोई फायदा नहीं होने वाला था. अगर फायदा होता तो मेरे ऊपर चल रही विभागीय कार्यवाही खत्म हो जाती. आज भी मेरे ऊपर विभागीय कार्रवाई जारी है. मेरे विरुद्ध अभियोजन चल रहा है. मैं निलंबित हूं.
सूत्रों के अनुसार, आदित्य ने पूछताछ में कहा कि उन्होंने दो आइपीएस अधिकारी के कुकर्माें को लेकर पुलिस मुख्यालय के वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा था. इसके कारण ही उन्हें फंसाया गया है. शराब माफिया से गठजोड़ के सवाल पर भी उन्होंने इससे पूरी तरह इंकार किया. पूछताछ के बाद आदित्य कुमार को वापस बेऊर जेल भेज दिया गया.
मालूम हो कि आइपीएस आदित्य कुमार पर निजी लाभ के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल के माध्यम से पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर तत्कालीन डीजीपी को पैरवी वाला फोन कराने का आरोप है. इस मामले के बाद से ही आदित्य फरार चल रहे थे. बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका रद होने पर आदित्य ने पांच दिसंबर को पटना के सिविल कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद उन्हें 18 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इस बीच इओयू को कोर्ट से आदित्य की 24 घंटे की रिमांड मिली थी, जो मंगलवार को पूरी हो गयी. पुलिस सूत्रों की मानें तो इओयू ने आदित्य के विरुद्ध आरोप-पत्र तैयार कर लिया है. उनके विरुद्ध अभियोजन कार्य शुरू कराने के लिए गृह विभाग से अनुमति मांगी है. अनुमति मिलते ही कोर्ट में केस दायर कर अग्रेतर कार्रवाई शुरू की जायेगी.