थावे-छपरा रेलखंड पर बाढ़ के पानी में बह गया पुल का पाया
गोपालगंज : गंडक नदी का बांध दूसरी बार टूटने से अब सड़क व रेल पुल पर खतरा मंडराने लगा है.
गोपालगंज : गंडक नदी का बांध दूसरी बार टूटने से अब सड़क व रेल पुल पर खतरा मंडराने लगा है.पानी के दबाव के चलते छपरा थावे रेलखंड के रतन सराय व मांझागढ़ स्टेशन के बीच नवादा ढाला के समीप 88 नंबर रेल पुल का एक पाया सोमवार को बह गया.पूल का पाया बहने के बाद पानी के दबाव से रेल लाइन भी धीरे धीरे बैठने लगा है. हालांकि सूचना मिलने के बाद इलाके के पीडब्लूआई ने पूरे दल बल के साथ रेल लाइन व पुल बचाने की कवायद शुरू कर दी है.
रेल अधिकारियों ने बताया कि पानी का दबाव कम नहीं हुआ तो कभी भी रेल पुल ध्वस्त हो सकता है.रेल अधिकारियों व कर्मचारियों की पहुंची टीम ने पानी में बहे पुल के पाया के समीप बालू भरे बोरे को रखा है.एहतियातन तौर पर टूट से रेल परिचालन को भी बंद किया गया है.उल्लेखनीय हो कि छपरा थावे रेलखंड का यह रेल पुल आमान परिवर्तन के दौरान अभी हाल ही में बनाई गई है.इतनी जल्दी पुल का पाया धसता देख आस पास के ग्रामीण भी सकते में आ गये.
संपर्क पथ भी है अब टूटने को तैयार
मांझागढ़ को बरौली को जोड़ने वाली मुख्य सड़क भी अब नवादा ढाला के समीप बाढ़ में बहने को तैयार है.बाढ़ के पानी के कटाव के चलते ढाला के समीप करीब 80 प्रतिशत सड़क विलीन हो चुका है.पानी के दबाव के चलते सड़क पर लगाया गया लोहा गेट भी ढह गया है.जिस कारण सड़क पर यातायात प्रभावित है.
रेल अधिकारियों ने किया दौरा सिधवलिया व थावे के रेल अधिकारियों ने मंगलवार को नवादा ढाला का दौरा किया.इस दौरान अधिकारियों ने कर्मियों को पुल बचाने के उपाय व बालू भरे बोरे की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया.अधिकारियों ने पुल के अलावे संपर्क पथ पर ध्वस्त होकर गिरे रेल गेट को भी जल्द ठीक कराने की बात कही.मौके पर रेलवे के दो दर्जन से अधिक कर्मचारी उपस्थित थे.
posted by ashish jha