कुमार दीपू, मुजफ्फरपुर. दूसरे राज्यों से अपने घर लौटे रहे परदेसी अपने ही परिवार के लोगों को कोरोना पॉजिटिव कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में ऐसे चार मामले आये हैं, जिसमें दिल्ली और महाराष्ट्र से लौटे लोग कोरोना पॉजिटिव थे. लेकिन जांच नहीं कराने और परिवार के साथ रहने की वजह से अन्य सदस्य भी संक्रिमत हो गये.
तबीयत खराब होने पर कोरोना जांच कराने पहुंचे, तो वे पॉजिटिव मिले. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनके परिवार के लोगों की कोरोना जांच करायी, तो 12 लोग पॉजिटिव मिले. इनमें दो मामले मिठनपुरा और एक अघोरिया बाजार व एक बेला का है.
कोरोना पॉजिटिव सबसे अधिक लोग शहरी क्षेत्र के रहने वाले बताये गये हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी में कुल 64 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. इनमें से 55 लोग शहरी क्षेत्र में रह रहे है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र के बंदरा, कुढ़नी, साहेबगंज, मोतीपुर और कांटी में नौ लोग संक्रमित मिले हैं. जो संक्रमित मिले हैं, वे अभी होम आइसोलेशन में हैं. कंट्रोल रूम से इनकी जानकारी ली जा रही है.
शहर में एक ही घर से पांच-पांच लोगों के कोराेना पॉजिटिव मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है. स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 18 नये कंटेनमेंट जोन बनाने का निर्णय लिया है.
सिविल सर्जन ने शुक्रवार को एसडीओ पूर्वी व पश्चिमी को पत्र लिखकर सभी 18 कंटेनमेंट जोन को सक्रिय करने का प्रस्ताव भेजा है. उन्होंने कहा है कि इन सभी घरों में 23 पॉजिटिव मरीज मिले हैं, ऐसे में यहां कंटेनमेंट जोन बनाया जाना जरूरी है. शहर में अभी 26 माइक्रो कंटेनमेंट जोन एक्टिव हैं.
बैरिया में दो, गोला रोड, पानी टंकी चौक, रमना देवी मंदिर, गोरीगामा वार्ड संख्या-8, पठान टोली बैरिया, तुर्की, कच्ची पक्की, बथना राम मुशहरी, दामु चौक, मिठनपुरा, अतरदह आरबीटीएस, सिकंदरपुर, एसएसपी कार्यालय, गोबरसही चौक, अखाड़ाघाट रोड, माखन साह चौक पुराना बाजार में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाये जायेंगे.
एक दिन में 26 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के एक बार फिर ने कोविड केयर सेंटर खोल दिये गये हैं. सिविल सर्जन डॉ सुरेंद्र कुमार ने कहा कि सदातपुर स्थित निजी अस्पताल, सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच कोविड केयर सेंटर खोल दिये गये हैं.
इधर, एसकेएमसीएच में चार मरीज को भर्ती किया गया है. अगर मरीज बढ़ते हैं, तो अन्य कोविड केयर में भर्ती किये जायेंगे. इधर ग्रामीण क्षेत्रों में मरीज बढ़ते हैं तो कोरेंटिन किये जाएंगे. प्रवासी मजदूरों या बाहर से आने वाले लोगों में यदि बीमारी पहचान होती है और ऐसे लोग गांव में रहते हैं, तो उन्हें वहीं पर आइसोलेशन में रखा जायेगा.
यदि इनमें से कोई गंभीर मरीज पाया जाता है, तो उसे कोविड केयर सेंटर या कोरेंटिन सेंटर में भर्ती कराया जायेगा. महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, कनार्टक, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर एवं अन्य लोग होली में घर आये हैं.
Posted by Ashish Jha