भागलपुर : गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले पुल की सारी अड़चनें दूर हो गयी है. भू-अर्जन और टेंडर की प्रक्रिया साथ-साथ अपनायी जा रही है. ट्रांसपोर्ट भवन, नयी दिल्ली में प्री-बिड मीटिंग में देश के नामचीन कार्य एजेंसियों ने ऑनलाइन भाग लिया. समानांतर पुल का टेंडर अगले माह के 11 तारीख को फाइनल होगा. ठेका जिस कार्य एजेंसी को मिलेगा, उसे ही गंगा पुल बनाने के लिए इंजीनियरिंग, डिजाइनिंग व कंस्ट्रक्शन कार्य करना होगा. पुल का निर्माण इपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्युरमेंट कंस्ट्रक्शन) मोड में कराने का फैसला लिया गया है.
कोरोना महामारी से विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल निर्माण के टेंडर में विदेशी एजेंसी भाग नहीं ले सकेंगी. चीनी कार्य एजेंसी तो बिल्कुल ही नहीं.अगुवानी घाट ब्रिज निर्माण के टेंडर में चाइना और जर्मनी की एजेंसियों ने भाग लिया था.
समानांतर पुल पांच घंटे में पटना पहुंचने के राज्य सरकार के लक्ष्य को पूरा करेगा. राज्य सरकार भी आधारभूत संरचनाओं के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है. समानांतर पुल सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक है. समानांतर पुल बनने से दूरियां तो घटेगी ही, साथ में आवागमन सुगम हो जायेगा.
पुल निर्माण निगम, पटना के डिप्टी चीफ इंजीनियर (वर्क सर्किल-2) सुनील कुमार ने कहा कि विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल का निर्माण इस साल में शुरू होगा. टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. प्री-बिड मीटिंग हो गयी है. इसको अपलोड कर दिया जायेगा. टेंडर एक से डेढ़ माह में फाइनल होगा. एक माह में भूस्वामियों को भी पैसे मिलने लगेंगे. अप्रोच रोड के लिए जमीन का पोजिशन मिल जायेगा. जब तक पुल बनेगा, तब तक जमीन की बाकी प्रक्रिया पूरी हो जायेगी और भूस्वामियों से जमीन विभाग को हस्तांतरित हो जायेगा.
posted by ashish jha