34 करोड़ के रेल वैगन घोटाले की जांच करने चार सदस्यीय सीबीआइ की टीम पहुंची जमालपुर
रेल इंजन कारखाना के 1862 ईसवी में स्थापना के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि यहां इतनी बड़ी राशि के गबन का मामला प्रकाश में आया था.
जमालपुर . चार सदस्यीय सीबीआई की टीम बुधवार की शाम जमालपुर पहुंची है. यह टीम रेल इंजन कारखाना जमालपुर में वर्ष 2017 के पूर्व हुए लगभग 34 करोड़ रुपए के वैगन घोटाले के आगे की जांच करेगी.
सूत्रों से मिली जानकारी में बताया गया कि सीबीआइ की चार सदस्यीय टीम का नेतृत्व एक महिला अधिकारी बी चौधरी कर रही है. यह टीम यहां कुछ दिन रुक कर मामले की जांच कर सकती है. वैसे इस मामले में कारखाना के किसी भी अधिकारी द्वारा कोई अधिकृत जानकारी नहीं मिल पाई है.
परन्तु सूत्रों बताते हैं कि सीबीआई की टीम बुधवार की शाम जमालपुर पहुंचने के बाद सुरक्षा अधिकारियों से मिल कर सीधे ईस्ट कॉलोनी स्थित रेलवे के ऑफिसर्स क्लब पहुंच गई. माना जाता है कि बुधवार को आराम करने के बाद गुरुवार से यह टीम सक्रिय होगी और यहां काम करना आरंभ करेगी.
इस सिलसिले में यह टीम यहां के वरीय रेल अधिकारियों से मिलकर मामले की जानकारी लेगी. दूसरी और यह सीबीआई की टीम रेलवे के धोबी घाट स्थित स्क्रैप साइडिंग पहुंचकर मौका ए वारदात का भी निरीक्षण करेगी. बता दें कि यही वह स्थल है, जहां वैगन घोटाला को अंजाम दिया गया था. सूत्रों से मिली जानकारी में यह भी बताया गया है कि इस बार सीबीआई की टीम यहां रुक कर फाइनल रिपोर्ट तैयार करेगी. जिसे मुख्यालय को भेजा जाना है.
158 वर्ष के इतिहास में पहली बार कारखाना में हुआ घोटाला
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में पूर्व रेलवे के चीफ विजिलेंस ऑफिसर यूके बल द्वारा जांच के बाद रेल इंजन कारखाना जमालपुर में वैगन घोटाले का उद्भेदन हो पाया था. जिसके बाद इस मामले के जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
रेल इंजन कारखाना के 1862 ईसवी में स्थापना के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि यहां इतनी बड़ी राशि के गबन का मामला प्रकाश में आया था. जिसको लेकर 9 फरवरी 2018 को सीबीआई ने अलग-अलग सुसंगत धारा के अंतर्गत वैगन घोटाले की जांच के लिए मामला दर्ज किया था.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले भी 29 नवंबर 2019 को सीबीआई के एसपी अभिषेक शांडिल्य ने जमालपुर पहुंचकर वैगन घोटाले मामले में स्थानीय अधिकारियों से जानकारी ली थी और स्क्रैप साइडिंग स्थित घोटाले को अंजाम दिये जाने वाले स्थल का निरीक्षण किया था.
Posted by Ashish Jha