IGIMS में चार नयी सुविधाएं शुरू, रेटिना के रोगों का होगा तुरंत इलाज, खुला 300 की क्षमता का कैफिटेरिया
आइजीआइएमएस में अब क्षतिग्रस्त रेटिना का तुरंत इलाज संभव होगा. अस्पताल में डायबिटिक रेटिनोपैथी समेत रेटिना की तमाम बीमारियों की जांच के लिए ओसीटी-ए एंजियोग्राफी (आॅप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी एंजियोग्राफी) मशीन लगायी गयी है
पटना. आइजीआइएमएस में अब क्षतिग्रस्त रेटिना का तुरंत इलाज संभव होगा. अस्पताल में डायबिटिक रेटिनोपैथी समेत रेटिना की तमाम बीमारियों की जांच के लिए ओसीटी-ए एंजियोग्राफी (आॅप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी एंजियोग्राफी) मशीन लगायी गयी है, जिसका उद्घाटन मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया. 70 लाख की इस मशीन से रेटिना के एक-एक लेयर में गड़बड़ी की जानकारी मिल जायेगी. इसके साथ ही अस्पताल में कैफेटेरिया की शुरुआत भी की गयी है.
20 केएलडी का है ऑक्सीजन प्लांट
स्वास्थ्य मंत्री दोपहर 1:30 बजे संस्थान पहुंचे और कैफेटेरिया, 20 केएलडी का ऑक्सीजन प्लांट, सेंट्रल ड्रग स्टोर बिल्डिंग और नेत्र रोग विभाग में आधुनिक आंखों के रेटिना व आंखों के अंदर ट्यूमर आदि के इलाज के नयी ओसीटी ए सहित सात नयी आधुनिक मशीनों का उद्घाटन किया. इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉ एनआर विश्वास, एमएस डॉ मनीष मंडल, नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा समेत कई डॉक्टर उपस्थित थे.
एडवांस माइक्रोस्कोप मशीन का भी उद्घाटन
उद्घाटन भाषण में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि 4.5 करोड़ रुपये लागत से बने कैफेटेरिया में एक साथ 300 मरीज व उनके परिजनों के बैठने की व्यवस्था की गयी है. करीब 10 हजार वर्ग फुट में बने तीन फ्लोर के इस कैफेटेरिया में ग्राउंड फ्लोर में मरीज व उनके परिजन, फर्स्ट फ्लोर पर संस्थान के छात्र-छात्राओं को बैठने व सेकेंड फ्लोर में डॉक्टरों के बैठने, खान-पान की व्यवस्था की गयी है.
इसकी खासियत है कि तीनों फ्लोर वातानुकूलित हैं. इसके साथ ही मंगलवार को आइजीआइएमएस में 20 केएलडी लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट सुविधा का उद्घाटन किया गया. ऐसे में अब संस्थान में रोजाना 3500 से 4000 बड़ी ऑक्सीजन सिलिंडर में गैस की आपूर्ति की जायेगी, साथ ही प्लांट को ऑक्सीजन पाइपलाइन से जोड़ दिया गया.
डायबिटिक रेटिनोपैथी की होगी जांच
नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि अनियंत्रित मधुमेह रहने पर मरीज डायबिटिक रेटिनोपैथी से पीड़ित हो जाते हैं. इसमें आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाने लगती है. इसलिए मरीज को इसकी नियमित जांच कराने की जरूरत होती है. यह मशीन राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है. साथ ही एडवांस वैक्टेक्टमी व एडवांस माइक्रोस्कोप मशीन का भी उद्घाटन किया गया.
Posted by Ashish Jha