बिहार के छात्रों को किताबों के लिए अब बैंक अकाउंट में नहीं मिलेंगे पैसे, सीधे दी जाएंगी पुस्तकें
सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा तक नामांकित 70 प्रतिशत बच्चों को इस महीने नई किताबें मिल जायेंगी. राज्य कार्यालय से सभी जिलों को डिमांड के 70 प्रतिशत ही किताबों की आपूर्ति की जा रही है.
बिहार बोर्ड की स्कूलों में नया सत्र प्रारंभ होने वाला है ऐसे में शिक्षा विभाग ने निःशुल्क पुस्तक वितरण का कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दे दिया है. सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा तक नामांकित 70 प्रतिशत बच्चों को इस महीने नई किताबें मिल जायेंगी. राज्य कार्यालय से सभी जिलों को डिमांड के 70 प्रतिशत ही किताबों की आपूर्ति की जा रही है. सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि किताबों की उपलब्धता के अनुसार ही विद्यालयों को किताबें दी जाएं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने डीइओ व डीपीओ को पत्र भेजकर 11 से 15 अप्रैल तक सभी विद्यालयों में पुस्तक वितरण समारोह आयोजित करने का भी निर्देश दिया है.
अभिभावकों के अकाउंट में नहीं जाएगा पैसा
शिक्षा विभाग ने इस सत्र से नि:शुल्क किताब उपलब्ध कराने की व्यवस्था में थोड़ा बदलाव किया है. इससे पहले किताबों का पैसा बच्चों के अभिभावकों के अकाउंट में भेजा जाता था. इन पैसों से बच्चों के लिए किताब खरीदना होता था. लेकिन इस बार व्यवस्था को थोड़ा परिवर्तित किया जा रहा है. इस बार अभिभावकों के बैंक अकाउंट में पैसे नहीं भेजकर सीधे किताबें उपलब्ध करायी जा रही हैं. राज्य कार्यालय से जिला मुख्यालय को किताबें भेजी जा रही हैं, जहां से उसे प्रखंडों को भेजना है.
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11 से 15 अप्रैल तक पुस्तक वितरण समारोह
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि राज्य स्तर पर जितनी किताबों की डिमांड मिली है, अभी उसका 70 प्रतिशत ही उपलब्ध कराया जा रहा है. कक्षावार किताबों के सेट इसी अनुपात में भेजे जायेंगे. जिले से प्रखंड और प्रखंड से विद्यालय स्तर पर किताबें भेजते समय भी इसका ध्यान रखा जायेगा, ताकि कहीं किताबों की कमी न हो जाये. सभी जिलों को 11 से 15 अप्रैल तक विद्यालयों में पुस्तक वितरण समारोह आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. पुस्तक वितरण कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन, विद्यालय शिक्षा समिति और गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित करने के लिए कहा गया है.