बिहार के सात जिलों में जरूरतमंद बच्चों के लिए बनेंगे नि:शुल्क हॉस्टल, देख-रेख के लिए 24 घंटे रहेंगे शिक्षक
ब्वॉयज हॉस्टल में कामन रूम, टीवी, खेल सामग्री, शौचाालय, पीने की पानी के आरओ सहित अन्य सुविधाएं भी बच्चों को प्रदान की जायेगी. यह हॉस्टल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के तर्ज पर तैयार किया जायेगा. राज्य के सात जिलों में सुभाष चंद्र बोस के नाम पर हॉस्टल का निर्माण किया जायेगा.
शिक्षा विभाग की ओर से बिहार के सात जिलों में जरूरतमंद व आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए नि:शुल्क ब्वॉयज हॉस्टल तैयार करने का निर्णय लिया है. यह हॉस्टल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के तर्ज पर तैयार किया जायेगा. राज्य के सात जिलों में सुभाष चंद्र बोस के नाम पर हॉस्टल का निर्माण किया जायेगा. इनमें पटना, मुजफ्फरपुर, जमुई, नवादा, गया, बांका और औरंगाबाद में नि:शुल्क ब्वॉयज हॉस्टल तैयार किया जायेगा.
छह से 18 वर्ष के बच्चों को मिलेगी रहने की सुविधा
जरूरतमंद बच्चों के लिए करीब एक करोड़ रुपये की लागत से हॉस्टल का निर्माण किया जाना है. हॉस्टल में 6 से 18 वर्ष के बच्चों को रहने की सुविधा मिलेगी. प्रत्येक हॉस्टल में 100 बच्चों के रहने- खाने और पढ़ने की नि:शुल्क व्यवस्था होगी. पटना में दो जगह पर हॉस्टल तैयार करने के लिए जगह की तलाश की जा रही है. फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के रूप यह हास्टल पटना के हनुमंत शरण हाइस्कूल मैनपुरा, पटना और टीके घोष एकेडमी में खोलने का निर्णय लिया गया है. जुलाई महीने से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रखा जायेगा. स्थायी हॉस्टल बनने के बाद यहां रहने वाले बच्चों को नये भवन में शिफ्ट कर दिया जायेगा. इन हॉस्टल में रहने वाले बच्चों का नामांकन किसी भी सरकारी स्कूलों में होना चाहिए. इसके अलावा जिन जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं की गयी है या फिर आर्थिक रूप से कमजोर हैं तो वैसे बच्चे भी यहां रह कर पढ़ाई कर सकते हैं.
बच्चों की देख-रेख के लिए 24 घंटे रहेंगे शिक्षक
ब्वॉयज हॉस्टल में रहने वाले बच्चों की देख-रेख तथा उन्हें पढ़ाने के लिए 24 घंटे शिक्षक एवं कर्मी मौजूद रहेंगे. इसमें तीन-तीन अंशकालीन शिक्षक शामिल है. इसके साथ ही हॉस्टल में कामन रूम, टीवी, खेल सामग्री, शौचाालय, पीने की पानी के आरओ सहित अन्य सुविधाएं भी बच्चों को प्रदान की जायेगी.
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शहर के दो स्थानों पर बच्चों को रखा जायेगा
डीपीओ श्याम नंदन ने बताया कि जरूरतमंद एवं आर्थिक रूप से कमजोर बच्चोंं के लिए ब्वॉयज हॉस्टल तैयार किया जायेगा. फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शहर के दो स्थानों पर बच्चों को रखा जायेगा. स्थायी भवन तैयार किये जाने के बाद बच्चोंं को वहां शिफ्ट कर दिया जायेगा. जिन स्कूलों में पर्याप्त जमीन होगी वहां हॉस्टल का निर्माण किया जायेगा.